बेंगलुरु । कर्नाटक सरकार के पास एक याचिका पेश की गई थी जिसमें शराब खरीदने के लिए 21 वर्ष के निर्धारित आयु को कम करके 18 करने की मांग की गई थी। इस याचिका पर विचार करने के बाद सरकार ने तय किया है कि वो अपने फैसले पर अमल रहेगा, शराब खरीदने के लिए निर्धारित आयु 21 वर्ष ही रहेगी।

कर्नाटक आबकारी विभाग ने निर्णय के लिए जनता, संघों और मीडिया द्वारा उठाई गई आपत्तियों का हवाला दिया है। पेश की गई प्रेस रिलीज में सरकार ने कहा कि कर्नाटक आबकारी अधिनियम, 1965 की धारा 36(1)(जी) 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाती है। हालांकि, कर्नाटक उत्पाद शुल्क (लाइसेंस की सामान्य शर्तें) 1967 के नियम 10 (1) (ई) के अनुसार, 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को शराब की बिक्री प्रतिबंधित है।

अधिनियम और नियमों में आयु से संबंधित इस विरोधाभास को दूर करने के लिए, विभाग ने कहा, "प्रभावी कार्यान्वयन के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार, 9 जनवरी की मसौदा अधिसूचना को नियम में संशोधन करने के लिए प्रकाशित किया गया था, जिसमें 'इक्कीस साल' शब्दों की जगह 'अठारह साल' शब्द का इस्तेमाल किया गया था।"कर्नाटक सरकार ने 9 जनवरी को एक मसौदा अधिसूचना प्रकाशित की थी।

जिसमें शराब पीने और खरीदने की उम्र सीमा 21 से घटाकर 18 साल करने का प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव को कई शिक्षकों और विशेषज्ञों ने गलत बताया था। कई संघों ने सरकार से आग्रह भी किया कि वे अपने फैसले पर एक बार फिर विचार करें।इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को आबकारी अधिनियम और आबकारी नियम दोनों में ही 21 साल की उम्र सीमा को बरकरार रखने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कहा कि जो ड्राफ्ट शिकायत और सुझावों के लिए बनाया गया था वह 30 दिनों के लिए टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा।

ऐसा माना जा रहा है कि ये फैसला शराब व्यापारी और कंपनियों के दबाव में आकर लिया गया था। दरअसल, इन कंपनियों का मानना है कि अगर निर्धारित आयु सीमा को कम कर दिया जाएगा तो इससे शराब की बिक्री में तेजी आएगी।