भोपाल : मध्यप्रदेश में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने वाली केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना का कार्य जल्द ही शुरू होगा। जल-संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने आज यहाँ मंत्रालय में केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना की समीक्षा बैठक में परियोजना से संबंधित सभी कार्यों को तेज गति से पूरा किये जाने के निर्देश दिये, जिससे इसका शीघ्र भूमि-पूजन किया जा सके।

तुलसीराम सिलावट ने कहा कि केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना न केवल बुंदेलखण्ड अपितु पूरे मध्यप्रदेश के लिये वरदान है। इस परियोजना से 41 लाख आबादी को पेयजल मिलेगा। साथ ही 103 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इससे मध्यप्रदेश के 10 जिलों के 2040 गाँव लाभान्वित होंगे। केन-बेतवा लिंक परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू किया जायेगा।

मंत्री सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2003 की तुलना में वर्तमान स्थिति में सिंचाई के रकबे में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2003 में सिंचाई का रकबा लगभग 7 लाख हेक्टेयर था, जो आज बढ़कर लगभग 47 हजार हेक्टेयर हो गया है। वर्ष 2025 तक इसे 65 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसमें केन-बेतवा लिंक परियोजना का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

मंत्री सिलावट ने निर्देश दिये कि योजनांतर्गत विस्थापितों के समुचित पुनर्वास के लिये उपयुक्त भूमि चयन की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाये। पर्यावरण आदि संबंधी आवश्यक स्वीकृतियाँ भी शीघ्र प्राप्त कर ली जायें।

प्रमुख सचिव मनीष सिंह ने बताया कि 44 हजार 605 करोड़ रूपये की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना को केन्द्रीय मंत्रि-परिषद द्वारा स्वीकृति दी जा चुकी है। परियोजना में बांध निर्माण के लिये भू-अर्जन अधिनियम-2013 के अंतर्गत पन्ना एवं छतरपुर जिले में प्रभावित ग्रामों की सम्पत्ति एवं निजी भूमि का सर्वे एवं सत्यापन कार्य संबंधित जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण कर लिया गया है। विस्थापितों के समुचित पुनर्वास के लिये उपयुक्त भूमि का चयन किया जा रहा है। परियोजना से प्रभावित कुल 21 ग्रामों में से 14 ग्रामों के अंतर्गत आने वाली लगभग 3,500 हेक्टेयर शासकीय भूमि पन्ना टाइगर रिजर्व को हस्तांतरित किये जाने की प्रक्रिया संबंधित जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण कर ली गई है। विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह, प्रमुख अभियंता शिशिर कुशवाह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।