गणेश चतुर्थी से देश की संसद का कामकाज पुराने संसद भवन से नए भवन में शिफ्ट हो जाएगा। इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। नए संसद भवन में जाने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुराने संसद भवन से भारत के संविधान की एक कॉपी लेकर उसी परिसर में तैयार हुए नए संसद भवन में जाएंगे। इसके साथ ही संसद सदस्य पैदल पीएम मोदी के पीछे चलेंगे। इस मौके पर संसद सदस्यों को संविधान की एक कॉपी, संसद से संबंधित किताबें, एक स्मारक सिक्का और एक डाक टिकट मिलेगा।

नए संसद परिसर का उद्घाटन 28 मई को पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था। आज विशेष संसद सत्र का दूसरा दिन नए भवन में होगा। जहां राज्यसभा की बैठक दोपहर 2.15 बजे नए संसद भवन के ऊपरी सदन कक्ष में होगी, वहीं लोकसभा की बैठक दोपहर 1.15 बजे नवनिर्मित संसद भवन के निचले सदन कक्ष में होगी। मध्यप्रदेश उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अक्षय दीक्षित का कहना है कि,आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक नई संसद भवन में पहली बैठक 19 सितंबर को होनी है। इसी दिन गणेश चतुर्थी भी है। भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देव माना गया है। किसी भी शुभ-मांगलिक कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है।

मान्यता है कि, गणेश जी की पूजा करने से बप्पा समस्त विघ्न हर लेते हैं। ऐसे में नई संसद में कार्यवाही के लिए इस दिन का चयन बेहद ही शुभ है। 19 सितंबर 2023 को नई ससंद भवन में पहली बैठक होगी। पंचांग के अनुसार, यह दिन भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी। साथ ही इस दिन ब्रह्म और शुक्ल जैसे शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है।

नई संसद भवन का त्रिकोण आकार भी है शुभ

त्रिकोण या त्रिभुज आकार धार्मिक और वास्तु के अनुसार, बहुत ही शुभ होता है। कई पवित्र धर्म में भी त्रिभुज आकार का महत्व है, श्रीयंत्र भी त्रिभुजाकार है और हिंदू धर्म के त्रिदेव भी त्रिभुज के प्रतीक हैं। इसलिए नए संसद भवन का त्रिभुजाकार होना परिसर के लिए पवित्र और शुभ है. वहीं नई संसद भवन का तिकोना होना देश के विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों को भी दर्शाता है। ऐसे में यह विभिन्न संस्कृतियों के लिए लिहाज से भी खास है।