दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मिलकर बनाई संयुक्त रणनीति


भोपाल । विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं। अगले तीन-चार माह में मतदान होगा। इसको लेकर प्रशासनिक अमला भी तैयार हो गया है। चुनाव के समय सीमावर्ती जिलों में अपराधियों की गतिविधियां तो बढ़ ही जाती हैं। इसके अलावा मादक पदार्थों की तस्करी व अवैध शराब की खपत भी बढ़ती हैं। मंदसौर, नीमच व रतलाम जिले की सीमाएं राजस्थान के प्रतापगढ़, झालावाड़ व चित्तौड़़ से जुड़ी हुई हैं। दोनों ही राज्यों के अधिकारियों ने चुनाव के दौरान मिलकर कार्रवाई करने के लिए बार्डर समन्वय बैठकें शुरू कर दी हैं।
गतदिनों मंदसौर कलेक्टर कार्यालय में मध्य प्रदेश के तीन व राजस्थान के दो जिलों के अधिकारी मिले। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि अवैध शराब को लेकर रेड डालने की कार्रवाई मध्य प्रदेश व राजस्थान पुलिस मिलकर करें। इसके अलावा बीएलओ भी चर्चा करते रहे, ताकि मतदाता सूची में इधर के उधर नाम नहीं चढ़े। अधिकारियों की चर्चा का सार यह था कि चुनावों के दौरान गड़बड़ी फैलाने वाले लोगों को दोनों तरफ ही पनाह नहीं मिले। बैठक में मंदसौर कलेक्टर दिलीप कुमार यादव, रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, प्रतापगढ़ कलेक्टर, रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा, पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़, मंदसौर एडीएम विशाल चौहान, अपर कलेक्टर नीमच, एएसपी मंदसौर गौतम सोलंकी, एएसपी झालावाड़ सहित मंदसौर एसडीएम, निर्वाचन से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

तीन माह बाद होने हैं चुनाव
नवंबर-दिसंबर में मध्य प्रदेश व राजस्थान में विधानसभा चुनाव साथ-साथ ही होंगे। इसको लेकर राजस्थान व मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के अधिकारी अभी से समन्वय बनाने में जुट गए हैं। कुछ दिनों पहले संभागायुक्त स्तर की एक बार्डर समन्वय बैठक उदयपुर में हो चुकी हैं। दूसरी बैठक शुक्रवार को मंदसौर में हुई। इसमें मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच, रतलाम और राजस्थान के झालावाड़ व प्रतापगढ़ जिलों कलेक्टर-एसपी व अन्य अधिकारी शामिल हुए। मंदसौर में कलेक्टर कार्यालय सभा कक्ष में हुई बार्डर समन्वय बैठक में सभी जिलों के प्रमुख अधिकारी इस बात पर सहमत हुए कि आपसी समन्वय के साथ रणनीति तैयार की जाएं। चुनाव से पहले एवं चुनाव के समय रुटीन पुलिसिंग का कार्य लगातार किया जाएं। साथ ही चुनावों के दौरान अवैध शराब व मादक पदार्थ तस्करी भी बढ़ जाती हैं।

सभी जिले मिलकर एक साथ कारवाई करें
इसको लेकर भी दोनों प्रदेश के अधिकारी इस बात पर सहमत हुए कि अवैध शराब एवं अन्य मादक पदार्थों की तस्करी के संबंध में रेड डालने से पहले बेहतर रणनीति तैयार की जाए। सभी जिलों में एक साथ ही रेड डाली जाएं। ताकि बार्डर पार कर सुरक्षित होने वाले अपराधी बच नहीं सके। सभी जिले अपनी-अपनी कार्यवाहियां एवं आगे की रणनीति के संबंध में रिपोर्ट हर माह आपस में साझा करेंगे। अंतरराज्यीय मार्गों पर लगने वाले नाकों का संचालन व्यवस्थित हो। यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे।

मादक पदार्थ की मात्रा पर रहे मुख्य फोकस
एनडीपीएस के मामलों में एफआइआर दर्ज करने के साथ ही कितनी मात्रा में मादक पदार्थ पकड़े। उस पर मुख्य फोकस होना चाहिए। निर्वाचन नामावली शुद्धिकरण के संबंध में सभी जिलों के बीएलओ आपस में बातचीत कर समन्वय करें। इससे निर्वाचन नामावली पूर्णत: शुद्ध हो सकेगी। एसएसटी, वीएसटी, वीवीटी की जब टीम बन जाए, तो सभी जिलों की टीमें आपस में बातचीत करने के साथ में बेहतर समन्वय बनाकर काम करें।