जोनल स्टेशन में मंगलवार की रात को बड़ा हादसा टल गया। प्लेटफार्म आठ पर खड़ी छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के इंजन को अलग किया जा रहा था। इसी समय एकाएक इंजन सीधे डेड एंड से जा टकराया। इससे डेड एंड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। जिस समय यह हादसा हुआ आसपास बड़ी संख्या में यात्री थे। इसके अलावा मलबा भी दूर तक जा छिटका।

मलबे से किसी यात्रियों को चोट न लग जाए, इसलिए यात्री इधर-उधर भागे, तब जाकर वे सुरक्षित हुए। यदि इंजन मलबा से टकराकर न रुकता तो इस दौरान यात्रियों के साथ बड़ा हादसा होने की पुरी संभावना थी। घटना के तत्काल बाद रेलवे के अफसर मौके पर पहुंचे।

घटना प्लेटफार्म आठ की है। अमृतसर से चलकर बिलासपुर आने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस मंगलवार को शाम 7:30 बजे जोनल स्टेशन पहुंची। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का बिलासपुर पहुंचने का समय दोपहर में हैं। रेलवे स्टेशन पहुंचकर ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी हुई। इसके बाद सभी यात्री नीचे उतर गए चले। चालक ने भी ड्यूटी बंद कर दी। करीब आधे घंटे ट्रेन को कोचिंग डिपो में सफाई के लिए ले जाने का कार्य किया जा रहा था।

जोनल स्टेशन का प्लेटफार्म आठ में डेड एंड है। डेड एंड का मतलब वह होता है कि इसके बाद ट्रेन आगे नहीं जा सकती। इसे सामान्य बोलचाल की भाषा में स्टापर भी कहते हैं। डेड एंड होने के कारण जिस इंजन से ट्रेन पहुंची थी, उसे अलग किया जा रहा था। इसके अलावा पीछे दूसरा इंजन जोड़ने की कवायद चल रही थी।

इंजन अलग करने के लिए जैसे ही इलेक्ट्रिक शंटर (चालक) कैलाश सिंह ने इंजन को स्टार्ट किया इंजन इतना आगे बढ़ गया कि सीधे डेड एंड से जा टकराया। इससे प्लेटफार्म का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जिस समय इंजन डेड एंड से टकराया इतनी जोर से आवाज आई कि आसपास ट्रेन के इंतजार में खड़े यात्री घबरा गए। इसके अलावा इंजन के जोरदार से टकराने से मलबा भी दूर तक जा छिटका।

राहत की बात यह है कि मलबे छिटकने से किसी यात्री को चोट नहीं आई और इंजन आगे बढ़ा। यदि जरा भी इंजन की गति तेज रहती तो कई यात्री इसकी चपेट में आ सकते थे। इससे बड़ा हादसा हो सकता था। इधर जैसे ही इस घटना की जानकारी रेलवे के अफसरों को मिली, वह सकते में आ गए। आनन-फानन में वे घटना स्थल पर पहुंचे। इस बीच सबसे पहले ट्रेन व इंजन को हटाकर ट्रैक को खाली कराया गया। इसके बाद संबंधितों से पूछताछ कर घटना की वजह जानने का प्रयास किया गया। हालांकि वजह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सकी है।

प्रथम दृष्टया शंटर की लापरवाही आई सामने

घटना के बाद डीआरएम प्रवीण पांडेय, सीनियर विकास कश्यप समेत अन्य अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे। पूछताछ व जांच के दौरान प्रथम दृष्टया शंटर कैलाश सिंह की लापरवाही उजागर हुई है। इसके लिए शंटर के खिलाफ कार्रवाई भी तय मानी जा रही है। लेकिन, इससे पहले मामले की बारीकी से जांच होगी की जाएगी।

100 मीटर ही रहती है जगह

बिलासपुर रेलवे स्टेशन में तीन ऐसे प्लेटफार्म हैं, जहां डेड एंड है। जब कोई ट्रेन इस प्लेटफार्म पर आती है तो इंजन को जहां खड़ा किया जाता है, उससे डेड एंड की दूरी 100 मीटर के करीब होती है। इस दूरी को ही ध्यान में रखकर शंटर ट्रेन से इंजन को अलग करता है। माना जा रहा है कि शंटर ने इसका ध्यान नहीं रखा और इंजन की गति बढ़ गई और उसे शंटर नियंत्रित नहीं कर पाया। बताया जा रहा है कि जिस शंटर से यह हादसा हुआ है, वह अनुभवी है और कई साल से रेलवे स्टेशन में शंटिंग का कार्य कर रहा है।

इनका कहना है

बिलासपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म आठ पर इंजन डेड एंड से टकराया है। घटना की जांच शुरू कर दी गई है। राहत की बात यह है कि इससे किसी तरह की हताहत नहीं हुईं।