भोपाल  ।   राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई। इसके साथ ही दो डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला ने भी शपथ ली। भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में यह कार्यक्रम हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री समेत दिग्गज नेता कार्यक्रम में उपस्थित हैं।  मध्यप्रदेश में थावरचंद गहलोत के बाद एक बड़े दलित चेहरे जगदीश देवड़ा को मध्य प्रदेश का उप मुख्यमंत्री बनाया है। 1990 में पहली बार विधायक बनने के बाद से अपने लगभग 33 वर्ष के लंबे राजनीतिक कार्यकाल में जगदीश देवड़ा आठवी बार विधायक बने हैं। देवड़ा ने आज भोपाल में पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा की मौजूदगी में उपमुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली।

 

प्रदेश की 2003 में उमा भारती सरकार से लेकर अभी शिवराज सिंह चौहान की सरकार तक में वे बड़े मंत्रालय संभाल चुके हैं। जिनमें परिवहन, गृह, श्रम, जेल, वित्त मंत्री का प्रभार भी संभाल चुके हैं। इसके अलावा पार्टी ने उन्हें जहां भी भेजा, वहां काफी अच्छे से कार्य किया है थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बनने के बाद से मप्र बीजेपी में बड़े दलित चेहरे के रुप में देखा था। उन्हें अब उप मुख्यमंत्री के रुप में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। देवड़ा को उप मुख्यमंत्री बनाने के बाद उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है। मल्हारगढ़ क्षेत्र में खुशी का माहौल है। राजेंद्र शुक्ल मध्य प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री बन गए। वह विन्ध्य के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल रही है। वह लगातार पांचवीं बार रीवा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। बड़े ब्राह्मण चेहरा हैं, साफ-सुथरी छवि है विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं।

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था

प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था। उनके पिता भैयालाल शुक्ला एक ठेकेदार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। युवावस्था में ही नेतृत्व के गुण विकसित होने के कारण वे 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। वह 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष थे। उन्होंने 1998 के विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़कर राजनीति में अपनी जगह बनाई।

राजनीतिक सफर पर एक नजर...

वह 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष थे। उन्होंने 1998 के विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़कर राजनीति में अपनी जगह बनाई, जिसमें वह कांग्रेस उम्मीदवार पुष्पराज सिंह से 1394 वोटों के करीबी अंतर से हार गए। वह 2003 में निवर्तमान पुष्पराज सिंह को हराकर पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 2008 और 2013 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में फिर से अपनी जीत दोहराई।