मुंबई । मूडीज निवेश सर्विस ने 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। मूडीज का मानना है कि देश में मजबूत घरेलू मांग की वजह से आने वाले भविष्य में वृद्धि की रफ्तार कायम रहेगी। प्रतिकूल वैश्विक आर्थिक पृष्ठभूमि के कारण निर्यात कमजोर रहने से मूडीज ने अपने ‘वैश्विक वृहद आर्थिक परिदृश्य-2024-25’ में कहा कि घरेलू मांग में सतत बढ़ोतरी भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रही है। मूडीज ने कहा, हमें उम्मीद है कि भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2023 में करीब 6.7 प्रतिशत, 2024 में 6.1 प्रतिशत और 2025 में 6.3 प्रतिशत बढ़ेगी। भारत की आर्थिक वृद्धि दर जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही है, जो मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत थी। घरेलू खपत व ठोस पूंजीगत व्यय और सेवा क्षेत्र की गतिविधि में तेजी से देश की आर्थिक वृद्धि मजबूत रही है।
मूडीज ने कहा, मजबूत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह, बढ़ती वाहन बिक्री, बढ़ता उपभोक्ता भरोसा तथा दोहरे अंक की ऋण वृद्धि से पता चलता है कि मौजूदा त्यौहारी सीजन के बीच शहरी उपभोग मांग जुझारू बनी रहेगी। हालांकि, ग्रामीण मांग जिसमें सुधार के शुरुआती संकेत हैं, वह असमान मानसून के कारण चिंता का विषय बनी हुई है। इससे फसल की पैदावार और कृषि आय कम हो सकती है। मूडीज ने कहा कि हालांकि मुख्य मुद्रास्फीति भी अगस्त में 4.8 प्रतिशत से कम होकर 4.5 प्रतिशत हुई, लेकिन असमान मौसम व भूराजनीतिक अनिश्चितता के बीच खाद्य व ऊर्जा की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर जाने के जोखिम को लेकर रिजर्व बैंक सतर्क रुख अपनाएगा।