उत्तर प्रदेश की राजनीति जैसे हालात मप्र में भी बनते नजर आ रहे
 विधानसभा चुनाव से पहले एक-एक कर सभी समाज अपनी ताकत दिखाते नजर आ रहे


भोपाल । समाजवाद में उलझी उत्तर प्रदेश की राजनीति जैसे हालात मध्य प्रदेश में भी बनते दिखाई दे रहे हैं। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अब महज पांच महीने का समय शेष रह गया है। चुनावों के नजदीक आते ही अब एमपी में पहली बार सामाजिक समीकरणों पर जोर दिया जा रहा है। एक-एक कर सभी समाजें राजधानी भोपाल में अपना शक्ति प्रदर्शन कर एकजुटता का एहसास करा रही हैं और दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपासे समाज में ज्यादा से ज्यादा टिकट वितरण की मांग कर रही हैं।
बता दें चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में साल के अंतिम महीनों में चुनाव होना है। चुनावों में अब महज पांच महीने का समय ही शेष बचा है। चुनावों के नजदीक आते ही मध्यप्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सत्ता हथियाने के लिए एड़ी चोंटी का जोर लगाना शुरु कर दिया है। समाजों को साधने के लिए दोनों ही दल लुभावने वादे भी कर रहे हैं तो वहीं समाजों द्वारा राजधानी भोपाल में शक्ति प्रदर्शन कर अपनी एकजुटता का एहसास करा रहे हैं।

इन समाजों ने दिखाई ताकत
उत्तर प्रदेश की राजनीति की भांति ही पहली बार मध्य प्रदेश में भी समाज अपनी ताकत का एहसास करा रहे हैं। अब तक एक दर्जन समाजों द्वारा राजधानी महाकुंभ, सम्मेलन सहित अन्य माध्यमों से एक जुटता का संदेश दिया है। शुरुआत क्षत्रीय समाज द्वारा की गई। करणी सेना के तत्वाधान में राजधानी में बड़ा प्रदर्शन किया गया था। तीन महीने पहले हुए इस प्रदर्शन में करणी सेना अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर के नेतृत्व में क्षत्रीयों ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद अनुसूचित जाति वर्ग द्वारा अपनी ताकत का एहसास कराया और उत्तरप्रदेश के नेता चंद्रशेखर रावण के नेतृत्व में राजधानी भोपाल में बड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान करीब डेढ़ लाख लोग इक_ा हुए थे। इसी कड़ी में एक दिन पहले ही राजधानी भोपाल में ब्राह्मण समाज का महाकुंभ और किरार समाज का परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया। दोनों ही कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। विप्रजनों को साधने के लए सीएम चौहान ने भगवान परशुराम जयंती पर सरकारी अवकाश के साथ ही अन्य घोषणाएं की।

कुशवाह समाज ने मांगे 25-25 टिकट
इधर चुनावी साल में कुशवाह समाज भी लामबंद है। कुशवाह समाज ने बीते दिन राजधानी भोपाल में कार्यक्रम आयोजित किया। समाजजनों ने कहा कि दोनों ही पार्टियों में समाज के जनप्रतिनिधि है। कुशवाह समाज ने दोनों ही पार्टियों से मांग की है कि वे कुशवाह समाज के जनप्रतिनिधियों को आगामी विधानसभा चुनाव में 25-25 टिकट प्रदान करें।

लोधी समाज के लिए उमा भारती ने भरी हुंकार
इधर लोधी समाज के लिए मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती भी हुंकार भर चुकी है। उमा भारती ने बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर 22 मांगे पूरी करने की बात कही थी। पूर्व सीएम उमा भारती ने जो मांग रखी थी वह लोधी लोधा राजपूत समाज के बोर्ड का गठन बीरांगना रानी अवंतीबाई के नाम से किया जाए, डिंडोरी जिला का नाम बदलक रानी अवंतीबाई पुरम रखा जावे, 20 मार्च को बीरांगना रानी अवंतीबाई के बलिदान दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित किया जाए, बीरांगना रानी अवंतीबाई जन्मस्थली मंकेडी बरगी बांध मूर्ति से सटी हुई 10 एकड़ जमीन पर पार्क निर्माण किया जाए।

लोधी-लोधा क्षत्रिय समाज की ये मांग
अखिल भारतीय लोधी-लोधा क्षत्रिय समाज के लिए भोपाल के छात्रावास की भूमि कोटरा सुल्तानाबाद भूमि खसरा क्रं. 108 रकबा 4000 वर्ग फीट के आपकी घोषणानुसार क्र. ए 1482 के अनुसार आबंटित करने का आदेश जारी करें, बीरांगना रानी अवंतीबाई के शहीद स्थल के पास देवी का मंदिर एवं तालाब का जीर्णोद्धार और बलिदान स्थल की फेसिंग प्रवेश द्वार पर गेट और सभा स्थल की सीढ़ी बनाई जाए। आपने 7 जनवरी 2018 को शहीद स्थल पर घोषणा की थी, शहीद स्थल पर 20 मार्च को बलिदान दिवस शासकीय स्तर पर मनाने के लिए संस्कृति विभाग से 3 लाख की मदद देने की घोषणा की थी वो केवल इसी साल मिले। इस राशि को बढ़ाकर 4 लाख रुपए किए जाएं, रायसेन के स्टेडियम का नाम बीरांगना रानी अवंतीबाई स्टेडियम नाम रखा जाए। बड़ा मलहरा जिला छतरपुर में बन रहे हॉस्पिटल का नाम रानी अवंतीबाई के नाम पर रखा जाए, लाखनादौन जिला सिवनी में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का नाम बीरांगना रानी अवंतीबाई के नाम पर रखा जावे, बीरांगना रानी अवंतीबाई के नाम से जो वीरता पुरस्कार दिया जाता था वह बंद कर दिया गया है, उसे महिला बाल विकास विभाग से फिर चालू कराया जाए, कारगिल युद्ध में शहीद सुलतानसिंह नरवरिया की प्रतीका भिंड शहर में लगाई जाए और सतना में कारगिल शहीद छोटेलाल सिंह लोधी की प्रतिमा लगाई जाए।