नई दिल्ली। एम्स में एमआरआइ जांच में वेटिंग की समस्या को दूर करने के लिए एम्स के न्यूक्लियर मैगनेटिक रेजोनेंस (एनएमआर) विभाग ने 302 करोड़ की लागत से दो अत्याधुनिक एमआरआइ व तीन एमआर स्कैनर मशीन खरीदने की कार्ययोजना तैयार की है। यह मशीनें खरीदे जाने के बाद जांच में वेटिंग की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी।

ये मशीनें अगले पांच वर्षों में दो चरणों में खरीदी जाएंगी।इसके तहत 42 करोड़ की लागत से तीन टेस्ला की एमआरआइ मशीन और 180 करोड़ की लागत से सात टेस्ला की एमआरआइ मशीन खरीदी जाएगी।बताया जा रहा है कि तीन टेस्ला की एमआरआइ मशीन खरीदने के लिए एम्स ने प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

अस्पताल में पहले से मौजूद एक पुरानी मशीन को बदलकर यह नई मशीन खरीदी जाएगी।कैंसर की जांच में यह तकनीक मददगार होगी।इसकी मदद से शरीर के किसी भी हिस्से में मौजूद ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा सीटी स्कैन जांच के लिए तीन मशीनें खरीदी गई हैं। इसलिए जल्द ही सीटी स्कैन की जांच की सुविधा बढ़ेगी।उल्लेखनीय है कि एम्स में पहले एमआरआइ जांच के लिए तीन वर्ष तक की वेटिंग थी।

यह भी तब जब अस्पताल में सात एमआरआइ मशीनें मौजूद है। इसके अलावा सीटी स्कैन के लिए भी छह माह तक की वेटिंग थी।वेटिंग की समस्या को दूर करने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में एम्स प्रशासन ने जांच की सुविधा 24 घंटे कर दी थी। इससे पहले के मुकाबले वेटिंग काफी कम हुई है लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। इसी क्रम में नई मशीनें खरीदने की योजना तैयार की गई है।