जबलपुर। श्रावण मास के पहले पावन सोमवार पर कल सुबह से ही वातावरण धार्मिक हो चला था। नगर के शिवालयों में जहां भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने वालों की भीड़ लगी रही, वहीं मदनमहल की पहाड़ियों पर स्थित मां शारदा रानी के दरबार में श्रावण मास का मेला लगा। लाल ध्वज लेकर भक्तों की टोली बाजेगाजे के साथ पहुंचती रही। श्रावण की रिमझिम बरसात के बीच श्रद्धालु पूरे भक्तिभाव के साथ शिवालयों में ॐ नम: शिवाय, हर-हर महादेव का जप करते रहे, वहीं मदन महल की पहाड़ी में मां के जयकारों की गूंज सुनाई देती रही। सुबह से ही भगवान शिव का रूद्राभिषेक, दुग्धाभिषेक, जलाभिषेक, शिव चालीसा, शिवार्चन आदि अनुष्ठान प्रारंभ हो गये। अनुष्ठान के बाद नर्मदा दर्शन और पूजन के लिये भी नर्मदा तटों पर भीड़भाड़ रही। 
श्री गुप्तेश्वर महापीठ विजय नगर कचनार सिटी स्थित भगवान भोलेनाथ के भव्य मंदिर के अलावा श्री नर्मदेश्वर मंदिर, साकेतधाम, बड़े महावीर शिवालय सहित अनेक शिव पार्वती मंदिरों में धूमधाम से भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की गई। ऐसी मान्यता है कि प्रकृति में जल की कमी होने पर श्रावण मास में भोलेनाथ का शिवलिंग सम्पूर्ण जल या दूध में रखने पर अच्छी बारिश होती है। वैसे भी बारिश के लिये श्रावण मास में शिवपूजा का विशेष महत्व माना जाता है। श्रावण के महीने में भगवान शिव का रूद्राभिषेक, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक करने से मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं, साथ ही घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि भी आती है। सावन के महीने में प्रकृति भी श्रृंगार करती है। पेड़ पौधों और धरती पर भी हरियाली छा जाती है। प्रकृति भी एक तरह से मुस्करा कर श्रावण मास का स्वागत करती है। 
श्रावण मास में मदनमहल स्थित शारदा देवी के मंदिर में मेला भरने की परम्परा भी पुरानी है। यहां हर सोमवार और शुक्रवार को मेला भरता है। श्रद्धालु लाल ध्वज लेकर मां के दरबार में पहुंचते हैं और पूरी श्रद्धा व भक्ति के साथ पूजा अर्चना कर ध्वज अर्पित करते हैं। मंदिर परिसर में सावन के झूलों के अलावा खेल-खिलौनों की दुकान और प्रसाद पूजन सामग्री की दुकानें भी बड़ी संख्या में लगती हैं। वहीं हजारों की तादाद में यहां श्रद्धालु भी पहुंचते हैं। इस लिहाज से यहां पर सड़क, प्रकाश, साफ-सफाई के अलावा सुरक्षा व्यवस्था की भी दरकार महसूस की जा रही है।