दिल्ली।  राजधानी में डेंगू के मरीज कितने हैं यह किसी को नहीं पता, लेकिन नगर निगम की लापरवाही की पोल अस्पतालों में मरीजों के दाखिल होने से खुल रही है।

तापमान कम होने के बाद जहां मरीजों की संख्या घटनी चाहिए वहीं न केवल मरीज आ रहे हैं बल्कि मरीजों की स्थिति भी गंभीर हो रही है। यही वजह है कि उन्हें अस्पतालों में दाखिल तक करना पड़ रहा है।

एलजी ने जताई चिंता

उपराज्यपाल वीके सक्सेना खुद इस मामले में चिंतित हैं लेकिन दिल्ली नगर निगम अभी तक डेंगू के मरीजों के आंकड़ों को छिपा कर बैठी है। पांच अगस्त से निगम ने डेंगू के मरीजों के आंकड़े जारी नहीं किए हैं। जबकि कई लोगों की मृत्यु इस बीमारी से हो गई है।

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इतना ही नहीं मरीजों की संख्या भी आठ हजार से ज्यादा पहुंचने का अनुमान विशेषज्ञ जता रहे हैं। लोगों की शिकायत हैं कि निगम जिस तरह पहले मच्छरों की दवा का छिड़काव करता था वैसा छिड़काव भी नहीं हो रहा है। दिल्ली नगर निगम ने पांच अगस्त को आखिरी बार रिपोर्ट जारी की थी तो 350 के करीब ड़ेंगू के मरीज थे।

निगम अधिकारिक तौर पर डेंगू के आंकड़े जारी नहीं कर रहा है। इसलिए इस सबंध में जब निगम सदन की बैठक में अल्पकालिक चर्चा हुई तो इसके जवाब में निगम ने तीन हजार मरीजों की पुष्टि की थी। यह बीते कई वर्षों में सर्वाधिक हैं। दिल्ली में जुलाई में हुई वर्षा और बाढ़ के बाद मच्छरजनित बीमारियों के मरीजों के बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा था।

इसी वजह से निगम ने जी 20 शिखर सम्मेलन का बहाना लेकर आंकडे ही जारी करने बंद कर दिए। जबकि विशेषज्ञ आंकड़े जारी न करना गलत बताते हैं। उनका कहना है कि लोगों को जब किसी बीमारी की स्थिति स्पष्ट नहीं होगी तो वह कैसे बचाव की तैयारी करेंगे।

जमीनी स्तर पर नहीं दिख रहा निगम का जागरुकता अभियान

दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा है कि डेंगू के मामले बढ़ना चिंताजनक हैं। उनके पास प्रतिदिन ऐसे कई फोन आते हैं जो अस्पतालों में मरीजों को दाखिल कराने की सिफारिशें कराते हैं।

उन्होंने कहा कि इस बार निगम कुछ नहीं कर रहा है। जागरुकता अभियान भी न के बराबर हैं। जमीनी स्तर पर कोई जागरुकता अभियान नहीं दिख रहा है। फागिंग भी केवल नाम के लिए हो रही है। जबकि लोग बहुत परेशान हैं।

तापमान कम हुआ लेकिन घरों में नहीं हुआ मच्छरों के पनपने का खतरा

भले ही बाहर का तापमान कम हो गया है लेकिन मच्छरों के अनुकुल अभी भी तापमान है। मच्छर न्यूनतम 15 और अधिकतम 35 डिग्री सेल्सियस तापमान होने पर पनपते हैं। ऐसे में भले ही अधिकतम तापमान 30-31 हो रहा हो लेकिन घरों में इनके उत्पत्ति के लिए पूरा मौसम अनुकुल हैं।

ऐसे में घरों में रखे गमले और अन्य स्थानों पर मच्छर पनप सकते हैं। इसलिए नागरिकों को अपने आस-पास और घर में साफ-सफाई पर अब भी पूरा ध्यान देना होगा।

तापमान में गिरावट के बावजूद दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामले और अस्पतालों में भर्ती होने वालों आंकड़े चिंताजनक हैं। मैंने मुख्य सचिव, एनडीएमसी अध्यक्ष, एमसीडी आयुक्त और सचिव (स्वास्थ्य), जीएनसीटीडी से बात की और उन्होंने युद्ध स्तर पर स्वच्छता और मच्छरों के प्रजनन को कम करने के लिए निर्देश दिए हैं।