गुरुग्राम: गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पुलिस ने शहर में घुसपैठियों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। अवैध रूप से जिले में रह रहे बांग्लादेशियों की धरपकड़ के लिए पुलिस दस्तावेजों की जांच कर रही है। इस वेरिफिकेशन के चलते शहर में घरों से कूड़ा उठाने का काम पटरी से उतर गया है। घरों से कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों पर लगे ड्राइवर और सहायक अचानक काम छोड़कर शहर से चले गए हैं। इसके बाद अहम सवाल है कि अब तक न तो नगर निगम के कॉन्ट्रैक्टरों ने इन कर्मचारियों का पुलिस वेरिफकेशन करवाया और न ही पुलिस की ओर से इस तरह की कोई पहल की गई। समय रहते पुलिस वेरिफिकेशन हो जाता तो सभी तरह के डॉक्युमेंट रखने वाले काम छोड़कर नहीं जाते और शहर के लोगों को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती। एक अनुमान के मुताबिक, 60 फीसदी कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं।
 
ड्राइवर और हेल्पर एकाएक काम छोड़ गए

नगर निगम ने हाल में ही चार एजेंसियों को घरों से कूड़ा उठाने का काम दिया है। यह काम जुलाई के पहले सप्ताह में दिया गया है। अभी सही से यह काम शुरू ही नहीं हुआ था कि पुलिस की ओर से वेरिफिकेशन ड्राइव शुरू हो गया। अवैध रूप से शहर में रह रहे बांग्लादेशियों को वेरिफिकेशन के लिए होल्डिंग सेंटर में लाना शुरू कर दिया। इसके बाद से नगर निगम के घरों से कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों पर ड्राइवर और हेल्पर एकाएक काम छोड़ गए। कॉन्ट्रैक्टरों ने इस बारे में जानकारी ली तो पता चला कि अधिकतर शहर छोड़कर चले गए हैं। वेरिफिकेशन के डर से वह काम पर नहीं आए।

कभी आवेदन ही नहीं किया: पुलिस

पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि नगर निगम की ओर से घरों से कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों की वेरिफिकेशन के आवेदन या कोई लेटर नहीं आया है। नगर निगम के अडिशनल कमिश्नर रविंद्र यादव ने बताया कि पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी है। ठेकेदारों को अपने कर्मचारियों के सभी डॉक्यूमेंट लेने के अलावा वेरिफिकेशन करवाना चाहिए।