जबलपुर  ।  दामाद पर मौसी के साथ मिलकर बेटी तथा नातिनों को बेचने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी। पुलिस ने याचिका की सुनवाई के दौरान स्टेटस रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि लापता मां तथा बेटियों की तलाश जारी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने लापता मां-बेटियों को पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय प्रदान किया है। जबलपुर के शहपुरा थानांतर्गत राययाखेड़ा निवासी सिम्मी बाई की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसकी बेटी शीला का विवाह दिलीप चौधरी से हुआ था। उसकी बेटी की दो बेटियां भी थीं। बेटी और दोनों नाबालिग नातिन अप्रैल 2023 से लापता हैं। इसकी रिपोर्ट शहपुरा थाने में दर्ज करवाई गई थी। याचिका में कहा गया था कि उसके दामाद ने अपनी मौसी कविता चौधरी के साथ मिलकर उसकी बेटी तथा नाबालिग नातिनों को बेच दिया है। शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद भी पुलिस अभी तक उनके संबंध में कोई सुराग नहीं लगा पाई है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए थे। पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया था कि पुलिस बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका वापस लेने याचिकाकर्ता महिला पर दबाव बना रही है। युगलपीठ ने थाना प्रभारी शहपुरा को स्टेटस रिपोर्ट के साथ तलब किया था। सीएसपी बरगी की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि लापता मां-बेटियों की तलाश में कटनी तथा मैहर में भी टीम पहुंची है। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता नारायण प्रसाद राठौर ने पैरवी की।