वेब सीरीज जुबली में बंगाली सिनेमा के जाने माने एक्टर प्रोसेनजित चटर्जी के काम की काफी हो रही है। उनका कहना है कि रिलीज के बाद से ही उनके फोन की घंटी बजना बंद नहीं हो रही है। कॉल करने वाले कुछ हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के, तो कुछ बंगाली सिनेमा के उनके साथियों में से एक हैं। तारीफ करने वाले लोगों का कहना है कि जुबली में मेरी एक्टिंग तालियों की हकदार है। लगभग चार दशकों तक बंगाली सिनेमा पर राज करने वाले प्रोसेनजित कहते हैं, ''मेरे लिए इससे बेहतर ओटीटी डेब्यू नहीं हो सकता।"

जुबली में हो रही प्रोसेनजित चटर्जी की तारीफ

जुबली में निर्माता-निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाने ने 40-50 का दशक दिखाने की कोशिश की है। सीरीज में प्रोसेनजित ने श्रीकांत रॉय की भूमिका निभाई है, जो रॉय टॉकीज का एक शक्तिशाली फिल्म मुगल है और अपने आप में एक स्टार-निर्माता है। मिड-डे को दिए इंटरव्यू में अभिनेता ने कहा कि उनके पास अमेजन प्राइम वीडियो की पेशकश के लिए अपनी सहमति देने के दो कारण थे - उस युग के सिनेमा के लिए उनका प्यार और मोटवानी के साथ काम करने का मौका।

इस वजह से किया ओटीटी डेब्यू

“विक्रम नए जमाने के सिनेमा के बेहतरीन निर्देशकों में से एक हैं। जब उन्होंने मुझे सब्जेक्ट सुनाया, तो उन्होंने कहा कि जिस दिन से उन्होंने छह साल पहले इसे लिखना शुरू किया था, उस दिन से उनके दिमाग में श्रीकांत रॉय के लिए केवल मैं ही था। जो चीज उन्हें बेहतरीन निर्देशकों में से एक बनाती है, वह यह है कि आज भी, वह एक सहायक निर्देशक जैसा व्यवहार करते हैं।"

गॉडफादर जैसा था लुक

प्रोसेनजित ने आगे कहा, "मैं उस दौर के लोगों और भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के बारे में जानता हूं। मेरी पसंदीदा फिल्मों में से एक गुरुदत्त की कागज के फूल रही है। जब मैंने जुबली के सेट पर प्रवेश किया, तो मैंने विक्रम को गले लगाया और उससे कहा कि उसने मेरा एक सपना पूरा कर दिया है।" एक्टर ने आगे कहा- "श्रीकांत, विक्रम ने मुझसे कहा, 'मुझे बस द गॉडफादर चाहिए।"