भोपाल ।  राजधानी में स्थित कचरा ट्रांसफर स्टेशनों पर गीले और सूखे कचरे की पहचान के लिए रेडिया फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन सिस्टम लगाया जाएगा। इससे कचरा वाहनों की तुलाई के साथ स्कैनिंग भी हो सकेगी। इससे गीले और सूख कचरे को पकड़ना और उसका पृथक्कीकरण करना भी आसान होगा। अभी वाहन चालक एक साथ गीला और सूखा कचरा लेकर ट्रासफर स्टेशन पहुंचते हैं।

तुलाई के साथ ही होगी स्कैनिंग

दरअसल रोजाना डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के बाद कचरे को गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन लाया जाता है। शहर में अलग-अलग लोकेशन पर 13 ट्रांसफर स्टेशन हैं। हालांकि जरूरत 20 स्टेशनों की है। लेकिन जैसे-जैसे जगह उपलब्ध हो रही है, नगर निगम नए ट्रांसफर स्टेशन बना रहा है। एक नया स्टेशन 12 दफ्तर के पास बन रहा है। अब इन स्टेशनों पर आने वाले गार्वेज व्हीकल की तुलाई के साथ ही स्कैनिंग होगी। ऐसा इसलिए कि वर्तमान में वाहनों की तुलाई तो हो जाती है, लेकिन वाहनों में आया कचरा सेग्रीगेट है या नहीं, इसकी व्यवस्था नहीं है। हालांकि मैन्युअली जरूर चैकिंग होती है, लेकिन इससे समय अधिक लगता है और कई बार बिना पृथक हुए ही कचरा अंदर आ जाता है।

क्या है आरएफआइडी

आरएफआइडी एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन है। इससे वाहन आसानी से स्कैन हो जाते हैं। यह एक ऐसी तकनीक है, जिसका उपयोग आरएफआइडी टैग को ट्रैक करने और इन टैग में एन्कोड किए गए डेटा को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। यह रेडियो तरंगों का उपयोग करके स्वचालित रूप से वस्तुओं की पहचान करता है और उनके बारे में डेटा एकत्र करता है। साथ ही बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के उस डेटा को कंप्यूटर सिस्टम में दर्ज करता है।

सालाना 1 करोड़ 93 लाख खर्च

नगर निगम अपने सभी गार्बेज ट्रांसफर स्टेशनों पर आरएफआइडी सिस्टम लगाने जा रहा है। इस पर सालाना 1 करोड़ 93 लाख रूपए खर्च होंगे। यह सिस्टम वर्तमान में बने गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन के बूम बैरियर में लगाया जाएगा। इसके लिए निगम को कंपनी की तलाश है, जो इस सिस्टम को लगाने के साथ ही इसका मेंटेनेंस कर सके।

अभी यहां हैं निगम के ट्रांसफर स्टेशन

शहर में नगर निगम के बागसेवनिया, राजेन्द्र नगर, बैरागढ़, आरिफ नगर, यादगार-ए-शाहजहांनी पार्क, दानापानी, गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया, भदभदा, कोकता, ईदगाह हिल्स, शाहपुरा और कजलीखेड़ा में यह ट्रांसफर स्टेशन बने हुए हैं। एक नया ट्रांसफर स्टेशन जवाहर चौक पर 12 दफ्तर के पास बन रहा है।