भोपाल । जिस बुंदेलखंड में भाजपा सबसे ताकतवर मानी जाती है...जहां पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 26 में से 17 सीटें जीतीं... शिवराज सरकार में तीन-तीन ताकतवर मंत्री रहे, उस बुंदेलखंड में इस बार भाजपा के भीतर से ही फिल्म आरपार के गाने के बोल सुनाई दे रहे हैं...बाबूजी (उम्मीदवार) धीरे चलना...बड़े धोखे हैं इस राह में...! बुंदेलखंड के पांच जिलों में से कमोवेश हर जिले में भाजपा उम्मीदवारों को लेकर बगावतियों ने इस चेतावनी के साथ मोर्चा खोल दिया है कि 30 अक्टूबर (नामांकन की अंतिम तिथि) तक उम्मीदवार बदल दो, वर्ना भाजपा को जीतने नहीं देंगे। हम बता दें कि यह हालात तब हैं जब वर्ष 2018 में बुंदेलखंड में भाजपा ने 26 सीटों में से 17 सीटों पर जीत हासिल की थी।
रिपोर्टस के अनुसार बुंदेलखंड के सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना और टीकमगढ़ जिले की ज्यादातर सीटों पर भाजपा के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ बगावती स्वर सुनाई-दिखाई पड़ रहे हैं। बागी कोई और नहीं भाजपा के वो नेता हो रहे हैं, जो टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। पहले विधायक रह चुके हैं या फिर जिनका क्षेत्र में खासा जनाधार है। सागर जिले में तीन विधानसभा सीटों पर बगावत देखने को मिल रही है। सागर से जहां पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे सुधीर यादव ने भाजपा छोडक़र आप का दामन थाम लिया है। सुधीर बंडा में भाजपा की दिक्कत बन रहे हैं। सागर में उमा भारती के करीबी मुकेश जैन नाराज होकर आप के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं। नरयावली विधानसभा में अरविंद तोमर ने बगावत कर आप का दामन थाम लिया है।

दमोह विधानसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व मंत्री एवं उम्र्रदराज जयंत मलैया को उम्मीदवार बनाया है। यहां उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी ही उनके लिए मुसीबत बन रहे हैं। राहुल लोधी के निर्दलीय चुनाव लडऩे की चर्चा है। हालांकि उन्होंने अब तक नामांकन नहीं भरा है। जबेरा विधानसभा सीट पर पार्टी ने मौजूदा विधायक धर्मेन्द्र लोधी को उम्मीदवार बनाया है। यहां से ऋषि लोधी भी दावेदारी कर रहे थे। टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। ठगा अनुभव कर रहे हैं। आशंका है उनकी नाराजगी से भाजपा को भितरघात का सामना करना पड़ सकता है। पन्ना की पवई विधानसभा सीट पर पार्टी ने प्रहलाल लोधी को उम्मीदवार बनाया है। यहां भाजपा के कद्दावर नेता संजय नगाईच बागी हो रहे हैं। उन्होंने सीधे तौर पर पार्टी हाईकमान को अल्टीमेटम दिया है कि यदि उम्मीदवार नहीं बदला तो जीतने नहीं देंगे और 30 अक्टूबर को नामांकन भरेंगे। इस सीट पर पूर्व मंत्री मुकेश नायक कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।

भाजपा द्वारा टीकमगढ़ विधानसभा सीट पर राकेश गिरी को उम्मीदवार बनाए जाने से पार्टी के पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव और जनाधार वाले नेता राजेन्द्र तिवारी बागी हो रहे हैं। केके श्रीवास्तव ने तो चेतावनी दी है कि पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बदला, तो वे 30 अक्टूबर को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन फार्म भर देंगे।