भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विकसित भारत@2047 की ड्राइविंग फोर्स युवा है। उन्होंने शिक्षा जगत के हितधारकों से कहा है कि युवाओं की तेजस्विता को पहचानें। युवाओं को उनकी अपार क्षमताओं का विभिन्न क्षेत्रों में प्रस्तुत करने का अवसर दें। उनके विचारों और सुझावों को राष्ट्र निर्माण की दिशा में शामिल करें।

राज्यपाल पटेल कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशन कंवेंशन सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव शिक्षा के.सी. गुप्ता और राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा मौजूद थे।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि दुनिया बहुत बड़ी है। भारत को सभी क्षेत्रों में विकसित बनाना होगा। राष्ट्र की प्रगति को समाज की अंतिम कड़ी वंचित वर्गो तक पहुँचाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि समाज में समावेशी विकास की सोच जरूरी है, जिसमें विकास की मुख्यधारा में पीछे छूट गए लोगों समुदायों को प्राथमिकता के साथ आगे लाना होगा। उन्होंने कहा कि देश तेजी से बदल रहा है। महिलाएं राष्ट्र के विकास में तेजी से सहभागी हो रही है। महिला स्वसहायता समूहों के साथ संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाएं स्वावलंबन और नेतृत्व की नई इबारत लिख रही है।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने युवाओं को उनकी बौद्धिक शारीरिक क्षमता का सर्वश्रेष्ठ योगदान राष्ट्र निर्माण में देने का आव्हान किया। भारत को विश्व गुरु बनाने में उनके योगदान की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश आज इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। देश अपनी क्षमताओं के प्रति आश्वस्त होकर भविष्य की ओर बढ़ रहा है। साफ दिख रहा है कि 21वीं सदी भारत की सदी होगी। आवश्यकता सबके सामूहिक और एक जुट प्रयासों की है। उन्होंने देश के सैन्य शक्ति, अर्थव्यवस्था, ग्रामीण तथा शहरी विकास, गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रकचर सतत विकास और वैश्विक स्तर पर भारत की उपलब्धियों की जानकारी दी।

अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा के.सी. गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि माय गॉव पोर्टल पर विभिन्न विषयों के संकल्पना पत्र उपलब्ध है। विश्वविद्यालय उन पर छात्र-छात्राओं के चिंतन कार्यक्रम आयोजित करे। विद्यार्थियों को सुझावों के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करे। उन्हें पुरस्कृत भी करे। आभार प्रदर्शन बरकतउल्लाह के कुलसचिव ने किया।

पटेल का शॉल और श्रीफल से अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक, विद्वान और विद्यार्थियों ने आभासी माध्यम से भी सहभागिता की।