न्यूयॉर्क । दु‎निया के ‎लिए बढ़ता तापमान बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। वैज्ञा‎निक कह रहे हैं ‎कि एक ‎दिन ग्लोबल वा‎र्मिंग पूरी दु‎निया को ले डूबेगी। गौरमलब है ‎कि यूरोपीय महाद्वीप में गर्मी हर दिन नए रिकॉर्ड बना रही है। इटली में तो झुलसाती गर्मी के कारण रोम समेत 16 शहरों में रेड अलर्ट तक जारी करना पड़ गया। वहीं, अमेरिका में भी लोगों को भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, अफ्रीका से आने वाली गर्म हवाओं ने यूरोप में हालात बिगाड़ दिए हैं। वहीं, एशिया में चीन के लोगों को भीषण गर्मी न परेशान ‎किया है। ऐसे में ये सवाल भी है कि आने वाले समय में भारत में भी तापमान बढ़ेगा और लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना होगा? मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, बहुत ज्यादा गर्म मौसम होने पर हीटवेव की स्थिति बन जाती है। हालांकि, ऐसे हालात लंबे समय तक नहीं रहते हैं। किसी भी क्षेत्र में हीटवेव के हालात तब बनते हैं, जब उस जगह का औसत तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। भारत में हीटवेव को तीन मानकों पर परखा जाता है। सबसे पहला, जब मैदानी इलाकों का तापमान 40 डिग्री से ज्यादा हो जाता है तो हीटवेव के हालात मान लिए जाते हैं।
वैज्ञा‎निक बताते हैं ‎कि भारत में अगर तटीय इलाकों का तापमान 37 डिग्री के पार चला जाता है तो हीटवेव के हालात घोषित कर दिए जाते हैं। वहीं, पहाड़ी क्षेत्र का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो जाता है तो हीटवेव की स्थिति मान ली जाती है। फिलहाल भारत में मानसून की वजह से राहत है, लेकिन उमस से लोग परेशान हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे हालात का प्रमुख कारण ग्लोबल वार्मिंग है। वहीं, वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं आखिर तापमान में लगातार बढ़ोतरी क्यों हो रही है? लगातार जलवायु परिवर्तन के कारण भारत भी हीटवेव की जद में हैं। हालांकि, फिलहाल ये नहीं कहा जा सकता है कि भारत में पड़ने वाली ग्रीष्म लहर अमेरिका जैसी होगी या नहीं। 
एक रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि भारत समेत एशिया, अमेरिका और यूरोप गर्मी से प्रभावित होते रहेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन क्षेत्रों में गर्मी पड़ने का कारण आर्थिक गतिविधियां भी हैं। नार्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के जलवायु वैज्ञानिक डेनियल हॉर्टन ने कहा है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से गर्म हवा का प्रसार होगा। इससे तापमान में लगातार बढ़ोतरी होती रहेगी। दुनिया में हीट वेव बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इससे गर्मी से होने वाली मौतों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। आईएमडी की मई 2022 में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2060 तक हीटवेब में बढ़ोतरी होगी। इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन की शोधकर्ता मरियम का कहना है कि ज्यादा गर्मी और नमी इंसानों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान हो सकता है।