भोपाल । नर्मदापुरम जिले की पिछले तीन साल से बंद रेत खदानें अब नीलाम की जाएंगी।  ये रेत खदानें मात्र डेढ़ माह (मई और जून) के लिए नीलाम की जाएगी। इससे ठेकेदार वर्षाकाल के लिए रेत का भंडारण कर पाएंगे और उपभोक्ताओं को वर्षा के मौसम में महंगी रेत नहीं खरीदनी पड़ेगी। नर्मदापुरम जिले की रेत खदानों का समूह वर्ष 2020 में 217 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ था, यह प्रदेश की रेत खदानों की सबसे बड़ी बोली थी। इसी साल कोरोना संक्रमण फैल गया और लाकडाउन के चलते रेत नहीं बिकी, इससे ठेकेदार घाटे में चले गए और मासिक किस्त नहीं जमा कर पाए। विभाग ने अग्रिम जमा 25 लाख रुपये जब्त करते हुए उनकी नीलामी निरस्त कर दी। फिर दूसरे ठेकेदार को 262 करोड़ रुपये में खदान दी गईं, वह भी नहीं चला पाए। मामला उच्च न्यायालय में चलता रहा। अब जाकर विभाग ने नए सिरे से नीलामी की कार्यवाही शुरू की है। मध्य प्रदेश में 1450 रेत खदानें हैं। वर्तमान में इसमें से करीब आठ सौ खदानों से उत्खनन किया जा रहा है। नर्मदापुरम जिले की रेत खदानों का समूह बंद है। हालांकि यहां से चोरी-छिपे रेत निकाली जा रही है। प्रदेश के अन्य जिलों की बात करें तो करीब 650 रेत खदानें बंद हैं, जिन्हें टेंडर जारी करने के बाद भी कोई ठेकेदार लेने को तैयार नहीं है। कई जिलों में तहसील स्तर पर समूह बनाकर खदानें नीलाम करने की कोशिश की गई, पर सफलता नहीं मिली है।खनिज साधन विभाग ने खदानों के जिला समूह की नीलामी की तैयारी शुरू कर दी है। सितंबर में नई रेत नीति के आधार पर खदानों की नीलामी शुरू होगी। तब इन खदानों को फिर से नीलाम किया जाएगा।