नई दिल्ली। दिल्ली की मानिटरिंग कमेटी के द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद बिजवासन गांव के दुकानों के दुकानदारों ने कन्वर्जन शुल्क जमा कराना शुरू कर दिया है।

पिछले दो दिन के दौरान आधे से ज्यादा दुकानदार अभी तक कन्वर्जन शुल्क जमा करा दिया है। अगले दो तीन दिन बाद मानिटरिंग कमेटी के निर्देश पर नजफगढ़ नगर निगम के जोन के उपायुक्त द्वारा स्टेटस रिपोर्ट सौंपा जाना है।

अगर इस बीच शेष दुकानदारों ने कन्वर्जन शुल्क जमा करा दिया इसके लिए यहां के दुकानदार तैयार भी दिख रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो संभव है कि बिजवासन के दुकानदार दुकान चलाने के लिए अधिकृत हाे जाए और सीलिंग की कार्रवाई टल जाए।

दरअसल, बिजवासन गांव शहारीकृत गांव की श्रेणी में आ चुका है। इसलिए गांव में किसी तरह की दुकान चलाने के लिए अब कंवर्जन शुल्क जमा करना अवश्यंभावी हो गया है, लेकिन अधिकांश छोटे दुकानदारों ने कंवर्जन शुल्क जमा नहीं कराया था। इसे लेकर मानिटरिंग कमेटी को शिकायत मिली थी।

पश्चिमी नगर निगम जोन के उपायुक्त और नजफगढ़ नगर निगम जोन के अतिरिक्त प्रभारी संदीप गहलोत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर सभी दुकानदार कंवर्जन शुल्क जमा कर देंगे तो एक तरह से दुकानें वैध हो जाएंगी। तीन दिन बाद वे स्टेटस रिपोर्ट मानिटरिंग कमेटी को वे सौंप देंगे।

शिकायतकर्ता का अता पता नहीं दरअसल, मानिटरिंग कमेटी को एक महिला ने बिजवासन की दुकानों के बारे में शिकायत की थी कि मुख्य मार्ग के किनारे दुकान चलाई जा रही है यहां पर अनियमित तरीके से दुकानें चल रही है।

इसके बाद मानिटिरिंग कमेटी ने यहां के 25 दुकानदारों को नोटिस जारी करते हुए निगम को कार्रवाई का निर्देश दिया था। किसी एक महिला के द्वारा शिकायत पर कार्रवाई से गांव के दुकानदार से परेशान हो गए।

इसे लेकर बिजवासन गांव के लोगों ने निगम पार्षद को कटघरे में खड़ा कर दिया। निगम पार्षद को खोजबीन के बाद पता चला कि जिस महिला की ओर से शिकायत की गई थी उसका बिजवासन गांव से कोई संबंध नहीं है। उसका अता पता तक नहीं।