भोपाल ।  पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा श्रीराम मंदिर को लेकर दिए जा रहे बयान को लेकर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह देश की राजनीति में विष घोलने का कार्य कर रहे हैं। देश में जब भी कुछ अच्छा होता है, वे विष उगलने लगते हैं। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण से दुनिया के जनमानस में खुशी की लहर है, लेकिन कांग्रेस नेताओं और खासकर दिग्विजय सिंह को पता नहीं क्यों अच्छा नहीं लग रहा है। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होने जा रही है। उस दिन पूरा देश दिनभर भजन-पूजन करने के साथ शाम को दीप जलाकर दीपावली मनाएगा। दिग्विजय भी अगर एक दीपक लगाएं तो अच्छा होगा। शर्मा ने यह भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा प्रदेश में जहां-जहां निकली, वहां-वहां कांग्रेस का बंटाधार हुआ। भारत को तोड़ने वाले लोग राहुल गांधी की यात्रा में शामिल रहे हैं। दरअसल, बुधवार को इंदौर में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि जिस राम मंदिर की मूर्ति को लेकर सारा झगड़ा हुआ, वह मूर्ति कहां हैं। वह मूर्ति स्थापित क्यों नहीं हुई। आखिर नई मूर्ति की आवश्यकता क्यों पड़ी। दिग्विजय ने कहा था कि मुझे भगवान राम के दर्शन के लिए न्योते की जरूरत नहीं है। राम मेरे मन में बसते हैं।

श्रीराम के अस्तित्व को नकारने वाली कांग्रेस के ये प्रतिनिधि जब श्रीराम मंदिर बनने से नहीं रोक पाए तो अब येन-केन-प्रकारेण विघ्न कैसे डाला जाए, इसके लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। ठीक उसी तरह जैसे त्रेता में संत महात्माओं के यज्ञ आदि पुण्य कार्यों में विघ्न डालने के लिए राक्षस कुंड में हड्डियां डाल जाते थे। अरे दिग्विजय जी, अपनी विघ्नकारी बुद्धि लगाने से पहले मंदिर समिति की योजना तो पता कर लेते। मंदिर समिति ने योजना बनाई है कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में नवीन तथा पुरानी दोनों मूर्तियां विराजमान होंगी। नवीन मूर्ति को अचल स्वरूप में स्थिर मूर्ति तथा पुरानी को चल स्वरूप में उत्सव मूर्ति के रूप में विराजमान किया जाएगा। इसलिए अपनी दिमागी गंध फैलाने से बेहतर है कि राम-नाम जपिए, अभी 18 दिन शेष हैं, हो सकता है नामजप से पाप कम हो जाए।