12 ज्योतिर्लिंगों में से एक अवंती यानी उज्जैन नगरी, जहां कालों के काल महाकाल बसते हैं। यहां दूर-दूर से भक्त अपने आराध्य के दर्शन करने पहुंचते हैं। कालचक्र को दूर कर मनोरथ पूरी करने वाली उज्जैन नगरी की चमचमाती तस्वीर दुनिया के नक्शे पर लेकर आना मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सपना था और इस सपने को हकीकत में बदलने की शुरूआत हुई 11 अक्टूबर 2022 से, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री महाकाल महालोक के पहले चरण का लोकार्पण किया। ₹351 करोड़ की लागत से तैयार महाकाल लोक के पहले चरण के उद्घाटन के बाद से उज्जैन में इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, रोजगार और विकास ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी है। महाकाल लोक के पहले चरण ने ही सीएम शिवराज के चमचमाते उज्जैन और जगमगाते उज्जैन की कल्पना को साकार कर दिया था। गुरुवार को सीएम शिवराज ने इस परियोजना के दूसरे चरण का लोकार्पण किया है। दूसरे चरण में 242 करोड़ 35 लाख की लागत के विकास कार्य किए गए हैं। 

शिव ने लगाया शिव का ध्यान

महाकाल मंदिर का परिसर 2.87 हेक्टेयर से बढ़कर 47 हेक्टेयर का हो चुका है। महाकाल का दिव्य लोक अब और भी भव्य और बेहतर हो गया है। सामान्य दिनों में हर दिन 1 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, त्यौहारों पर ये संख्या 3 लाख तक भी पहुंच रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकाल लोक के दूसरे चरण में हाईटेक अन्नक्षेत्र, मंदिर के दोनों ओर शिखर दर्शन क्षेत्र, मंदिर पहुंचने के लिए चार सुगम मार्ग, अंडरग्राउंड वेटिंग हॉल और महाकाल मंदिर के अंदरूनी परिसर में निर्माण के साथ ही कई अन्य विकास कार्य किए गए हैं। महाकाल लोक के दूसरे चरण के लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तपोवन में ध्यान कुटिया में ध्यान लगाया और महाकाल से प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।

अर्थव्यवस्था को ताकत  

मंदिर हमारी सामाजिक-धार्मिक आस्था के केंद्र रहे हैं। सनातन संस्कृति में मंदिर से कई क्रिया-कलाप संपादित होते रहे हैं। बीते दशक में मंदिरों का विश्लेषण किया जाए, तो कहा जा सकता है कि मंदिर से हमारी अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल रहा है। 11 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। भारतीय सिने जगत से भी कई लोग समय-समय पर आ रहे हैं। युवाओं में भी उज्जैन आने को लेकर नया उत्साह बना है। सिर्फ जुलाई, 2023 में रिकॉर्ड तोड़ 77 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। लोगों की बढ़ती संख्या जिले की अर्थव्यवस्था के लिए भी काफी अच्छी है। ऐसा होने से होटल, जलपान, परिवहन आदि का व्यवसाय बढ़ रहा है। भारत में धार्मिक पर्यटन बढ़ने की वजह से होटल उद्योग, यातायात उद्योग, छोटे व्यवसायियों आदि को बहुत फायदा हो रहा है एवं वर्ष 2028 तक भारत के पर्यटन क्षेत्र में लगभग एक करोड़ रोजगार के नए अवसर निर्मित होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।
महाकाल लोक का लाभ पूरे मालवा को 

महाकाल लोक में एक समय में करीब 20 हजार से अधिक तीर्थ यात्री आ सकते हैं। इसमें दो द्वार, मूर्तियों के साथ लैंडस्केप, गार्डन क्षेत्र, रूद्रसागर तट क्षेत्र, शिव स्तम्भ, सप्तऋषि स्थापित हैं। यहां ओपन एयर थियेटर और मुक्त आकाश मंच भी है। यहां फूड कोर्ट, हस्तशिल्प कलाकृति, धार्मिक वस्तुओं एवं फूलों की करीब 130 दुकानों का निर्माण किया गया है। 400 कार की क्षमता वाली पार्किंग के साथ ई-रिक्शा की भी सुविधा है। महाकाल लोक के विकास का लाभ उज्जैन के साथ सम्पूर्ण मालवा क्षेत्र को मिल रहा है। रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। सनातन की धर्म ध्वजा लहरा रही है महाकाल लोक में।