हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा की तिथि को बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर माह में पड़ती हैं अभी आषाढ़ का महीना चल रहा हैं और इस महीने पड़ने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या के नाम से जाना जा रहा हैं जो कि बेहद ही खास मानी जाती हैं अमावस्या तिथि पर स्नान दान और पूजा पाठ का खास महत्व होता हैं। अमावस्या की तिथि पूर्वजों को भी समर्पित होती हैं इस दिन के देवता पूर्वजों को माना गया हैं ऐसे में इस दिन श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करना भी शुभ होता हैं। मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद दान पुण्य के कार्य किए जाए तो सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद साधक को मिलता हैं। इस बार आषाढ़ अमावस्या 18 जून दिन रविवार यानी कल पड़ रही हैं ऐसे में इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ के साथ साथ अगर कुछ खास उपायों को भी किया जाए तो पितृदोष का निवारण हो जाता हैं तो आज हम आपको अमावस्या पर किए जाने वाले उपाय बता रहे हैं।

 

आषाढ़ अमावस्या पर करें ये उपाय-
पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए कल यानी आषाढ़ अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पितरों के निमित्त श्राद्ध व तर्पण करें। आषाढ़ अमावस्या के दिन आप उपवास भी रख सकते हैं माना जाता हैं कि इस दिन उपवास रखते हुए पितृसूक्त का पाठ करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती हैं और वे प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। अमावस्या तिथि पर पितरों के निमित्त दान पुण्य के कार्य जरूर करें माना जाता हैं कि इस दिन गरीबों व जरूरतमंदों को दान देने से पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। पितृदोष के निवारण हेतु आप अमावस्या पर संध्याकाल में पीपल के वृक्ष के समक्ष सरसों तेल का दीपक जलाएं ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं।