नई दिल्ली। शनिवार रात को भजनपुरा व खजूरी के लोग अपने घरों में सो रहे थे। रविवार सुबह आंख खुली और गली में गए तो दंग रह गए। पुलिस ने गलियों में लगे दरवाजों को बंद किया हुआ था। किसी को गली से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी।

वजीराबाद रोड पर भजनपुरा के पास अर्धसैनिक बल व पुलिस के जवान नजर आ रहे थे। आसमान में ड्रोन उड़ रहा था, जब तक लोगों को वजह पता चलती। तब तक पुलिस ने पीडब्ल्यूडी व प्रशासन के साथ मिलकर मजार व मंदिर को हटा दिया था।

इस बार प्रशासन, पीडब्ल्यूडी व पुलिस ने इस तरह की रणनीति बनाई कि लोगों को विरोध करने का समय तक नहीं मिला। इससे पहले 14 जूून को कार्रवाई होनी थी, उस कार्रवाई की भनक लोगों को लग गई थी। जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ था, ऐसे में कार्रवाई को टालने में ही तीनों विभागों ने भलाई समझी थी।

वर्ष 2020 में उत्तर पूर्वी जिले में दंगा हुआ थे, जिसे सांप्रदायिक दंगा भी कहा गया था। कई दिनों तक दंगा चला था। जिसमें 53 लोगों की जान गई थी।

तीनों ही विभागों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी अगर दोनों में से किसी एक धार्मिक स्थल पर कार्रवाई की तो माहौल बिगड़ सकता है। ऐसे में दोनों धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए पुलिस व प्रशासन ने इस बार पुख्ता तैयारी की।

रविवार को कार्रवाई के बारे में कोई सूचना लीक नहीं होने दी। उस वक्त कार्रवाई की गई, जब लोग नींद में थे। तड़के साढ़े चार बजे कार्रवाई को शुरू की गई और सुबह करीब साढ़े दस बजे कार्रवाई पूरी हुई। ड्रोन से देखा जा रहा था किसी स्थान पर लोग जमा तो नहीं हो रहे हैं।

पिछले कई वर्षों से मजार व मंदिर राजनीतिक पार्टियों के लिए सियासत का केंद्र बने हुए थे। अधिकारी हटाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। यह कार्रवाई तीनों ही विभागों के लिए आसान नहीं थी। जी-20 शिखर सम्मेलन व वरिष्ठ अधिकारियों के दिशानिर्देश मिलने पर कार्रवाई आसान हुई। बता दें शाहदरा जीटी रोड व लोनी गोलचक्कर के पास से भी अवैध मंदिरों के ढांचे को हटाया जाना है।

पिछले दो माह में एक मजार व दो मंदिरों को सड़कों व फुटपाथ से हटाया जा चुका है। कोई सवाल करें, पुलिस ने बनवाए वीडियो पुलिस काे अनदेशा था कि कुछ लोग इस कार्रवाई पर झूठ फैला सकते हैं। ऐसे में पुलिस ने पूरी कार्रवाई की अलग-अलग वीडियो बनवाए।

किसी तरह का तनाव न हो इसके लिए अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुबोध कुमार गोस्वामी ने मंदिर में जाकर हनुमानजी की मूर्तियों के आगे हाथ जोड़े व मंदिर से मूर्तियों को उठाकर पुलिस की कार से सही स्थान पर भेजा।

इंटरनेट मीडिया पर नजर बनाकर रखेगी पुलिस

इंटरनेट मीडिया पर धार्मिक स्थलों को हटाने को कई तरह की अफवाहे फैल रही हैं। पुलिस का कहना है कि फेसबुक से लेकर तमाम साइट पर पुलिस ने निगाह बनाई हुई है। अगर कोई झूठी अफवाह फैलाने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस बारे में जानकारी देते हुए जिला पुलिस उपायुक्त डॉ. जाय टिर्की ने कहा- बहुत की शांतिपूर्ण तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ है। धार्मिक समिति की अनुशंसा पर कार्रवाई की गई है।