हमारी भारतीय संस्कृति में स्वस्तिक को बहुत शुभ माना जाता है। स्वस्तिक को शुभता का प्रतीक माना जाता है। जब हम कोई शुभ कार्य करते हैं या कोई काम शुरू करते हैं तो स्वास्तिक चिन्ह बनाते हैं।

हम मंगल के अवसर पर उनकी पूजा भी करते हैं, ताकि हमारा काम सुख-समृद्धि से भरा रहे। स्वस्तिक का शाब्दिक अर्थ शुभ या मंगलकारी होता है। स्वस्तिक चिन्ह को न केवल हिंदू धर्म में बल्कि सभी धर्मों में पवित्र माना जाता है । हिंदू संस्कृति के प्राचीन ऋषियों ने अपने आध्यात्मिक अनुभवों के आधार पर अपने धर्म में कुछ विशेष प्रतीकों का निर्माण किया, ये प्रतीक शुभ भावनाओं को व्यक्त करते हैं और ऐसा ही एक प्रतीक है स्वस्तिक। स्वस्तिक को सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। जिस घर में स्वस्तिक का शुभ चिन्ह बनाया जाता हैपूजा करने से परिवार में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। इसी वजह से किसी भी काम को शुरू करने से पहले स्वस्तिक बनाया जाता है।

स्वस्तिक सुख-समृद्धि लाता है।

वास्तु शास्त्र में भी स्वस्तिक को बहुत शुभ माना गया है। यदि किसी घर में स्वस्तिक स्थापित किया जाए तो वहां सुख-समृद्धि का वास होता है और धन-संपदा में वृद्धि होती है। घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाना बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक आयोजनों में स्वस्तिक बनाना बहुत शुभ माना जाता है। स्वस्तिक बनाने से घर में देवी-देवताओं का प्रवेश होता है और सुख-समृद्धि का वास होता है। गुरु पुष्य योग में किया गया स्वस्तिक शांति प्रदान करता है। अगर आपको रात को नींद नहीं आती है तो सोने से पहले अपनी तर्जनी उंगली से स्वस्तिक बनाएं और सो जाएं, आपको अच्छी नींद आएगी और बुरे सपने आना बंद हो जाएंगे।

 

स्वस्तिक चमत्कारी एवं लाभकारी है।

तिजोरी पर स्वस्तिक बनाने से आपको धन की कमी नहीं होगी और आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। अगर आप भी अपनी तिजोरी में कुछ पैसे रखेंगे तो आपको लाभ होगा। ये उपाय बहुत ही चमत्कारी और लाभकारी हैं। अगर आपके वैवाहिक जीवन में काफी परेशानियां आ रही हैं तो पूजा के दौरान हल्दी का स्वस्तिक बनाएं, इससे आपको बहुत लाभ होगा। घर को बुरी नजर से बचाने के लिए घर के बाहर गाय के गोबर से स्वस्तिक बनाएं, लाभ होगा। घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है। हमारे पूर्वजों का आशीर्वाद हम पर बना रहता है।