राजकोट | राजकोट की सरकारी स्कूल के एक शिक्षक एवं लघु लेखक ने दुनिया की सबसे छोटी ‘हनुमान चालीसा’ बनाई है, जिसे जल्द ही गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में जगह मिलने वाली है| निकुंज वागडिया किसी भी रिकार्ड के मौताज नहीं है उनका नाम पहले से गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है| निकुंज वागडिया को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में भी जगह मिली है| निकुंज वागडिया ने जो हनुमान चालीसा बनाई है, उसका वजन केवल 700 मिलीग्राम है यानी पौना ग्राम और उसकी साइज 30x5 मिलीमीटर है| 22 पन्नों की हनुमान चालीसा को निकुंज वागडिया ने केवल 11 दिनों में तैयार किया है| पौने ग्राम का वजन और साइज देख ही अनुमान लगाया जा सकता है कि हनुमान चालीसा कितनी सूक्ष्म होगी| निकुंज वागडिया को जल्द ही गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में स्थान मिलने जा रहा है| निकुंज वागडिया के नाम सबसे ज्यादा लघु पुस्तकों का निर्माण करने का विश्व रिकार्ड है| अब तक निकुंज वागडिया 700 जितनी सूक्ष्म पुस्तकों का निर्माण कर चुके हैं, जिसमें रामायण, महाभारत, भगवत गीता और शिक्षापत्री जैसे धार्मिक ग्रंथ भी शामिल हैं| निकुंज वागडिया को इस प्रकार के आविष्कार के लिए वर्ष 2006 और 2009 में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड और 2010 में इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में स्थान मिला है| इतना ही नहीं निकुंज वागडिया ने तिल के एक दाने पर पूरी एबीसीडी लिखने का भी रिकार्ड बनाया है| आप समझ सकते हैं कि तिल का एक दाना हाथ में लेना मुश्किल होता है और उस पर निकुंज ने 26 अल्फाबेट्स लिखकर सभी को हैरान कर दिया था| अगले साल देश में नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है और उसमें भी निकुंज वागडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होगी| निकुंज वागडिया को लघु लेखनी के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में उनके संशोधनों के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है| गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भी निकुंज वागडिया की शिक्षा क्षेत्र के उनके विचारों से काफी प्रभावित थे| गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेन्द्र मोदी ने राज्य में 2009 में चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी और उसकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निकुंज वागडिया को सौंपी थी|