नई दिल्ली। लाजपत नगर स्थित साउथ दिल्ली पॉलिटेक्निक कॉलेज फॉर वुमेन के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों ने कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के ऊपर धोखाधड़ी और तीन वर्षों से वेतन न जारी करने का आरोप लगाया है। कॉलेज के शिक्षकों ने गवर्निंग बॉडी पर शैक्षणिक सत्र 2019-20 से अब तक वेतन न जारी करने का आरोप लगाया है।

शिक्षकों ने कहा कि कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के ये पदाधिकारी वर्ष 2014 से निजी उपयोग के लिए कॉलेज के फंड का उपयोग कर रहे हैं। उनके मुताबिक, वो वेतन जारी करने को लेकर बीते तीन वर्षों से कॉलेज के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन प्रबंधन ने न वेतन दिया, न ही अनुभव प्रमाण पत्र और न ही कॉलेज छोड़ने का प्रमाण पत्र। उल्टा कॉलेज प्रबंधन ने सभी शिक्षकों-कर्मचारियों से किनारा करते हुए उनका कॉलेज में प्रवेश भी बंद करा दिया है।

वहीं, कॉलेज के गवर्निंग बॉडी के पदाधिकारियों से मामले को लेकर संपर्क किया गया, लेकिन किसी ने भी जवाब नहीं दिया। बता दें कि गवर्निंग बॉडी में अध्यक्ष एम आर किदवई, उपाध्यक्ष अथिया हबीब किदवई, कोषाध्यक्ष रघुनाथ सिंह, सदस्य सचिव डा. रेहान चौधरी, सदस्य मधुकर शाह, सदस्य सुमित चक्रवर्ती, सदस्य एएम बनर्जी, कर्मचारी प्रतिनिधि वीना सेठ शामिल हैं।

आर्थिक तंगी से परेशान हैं शिक्षक

बीते तीन वर्षों से आर्थिक तंगी से जूझ रहे इन शिक्षकों ने गर्वनिंग बॉडी के सदस्य पंकज गुप्ता के साथ गवर्निंग बॉडी की उपाध्यक्ष अथिया हबीब किदवई के निवास के बाहर वेतन जारी करने और पीएफ का पैसा देने की मांग को लेकर मौन प्रदर्शन किया। वेतन भुगतान नहीं होने से शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

कॉलेज की अपैरल और ड्रॉफ्टिंग विषय पढ़ाने वाली शिक्षिका हनी शैली ने बताया कि वो कॉलेज में 1992 से कार्य कर रही हैं। कॉलेज प्रबंधन 2019 से ग्रेच्युटी, वर्ष 2014 से पीएफ का पैसा और वेतन नहीं जारी कर रहा है। वेतन न मिलने पर न तो स्कूल में बच्चों की फीस जमा हो पा रही है और न ही घर का खर्च चल पा रहा है।

कॉलेज छोड़ने का प्रमाण पत्र भी नहीं दे रहे

परिवार के सदस्य के बीमार होने पर पड़ोसियों और रिश्तेदारों से उधार पैसे लेकर काम चलाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि वेतन जारी होने को लेकर वो इंतजार कर के थक गई तो कहीं और नौकरी की सोची लेकिन कहीं और भी उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है चूंकि कॉलेज अनुभव प्रमाण पत्र और कॉलेज छोड़ने का प्रमाण पत्र भी नहीं दे रहा है।

कॉलेज की इंटीरियर डिजाइन की शिक्षिका जलप्रीत वत्स ने कहा कि तीन वर्षों से वेतन भुगतान नहीं होने से आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। उनके लिए रोजी-रोटी चलाना मुश्किल है। किराए के घर में रहती हैं। किराया चुकाने में तक दिक्कत आ रही है। वहीं, बेटे का शिक्षा लोन भी नहीं चुका पा रही हैं।

कॉलेज की होटल मैनेजमेंट पढ़ाने वाली शिक्षिका म्रुनाली ने कहा कि वो 15 वर्षों से कॉलेज में पढ़ा रही हैं। बीच में कई बार कॉलेज ने वेतन में कुछ माह की देरी की थी। लेकिन वर्ष 2019 के बाद से अभी तक वेतन जारी नहीं किया है। कॉलेज ने जो रुपयों के चेक दिए थे वो तक बाउंस हो गए हैं। कॉलेज के गर्वनिंग बॉडी के सदस्यों से वेतन जारी करने की मांग की लेकिन कोई भी मामले की सुनवाई नहीं करना चाहता है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपना भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है।

"जब से मैं कॉलेज की गर्वनिंग बॉडी के साथ जुड़ा हूं। तब से यही कोशिश है कि कॉलेज के सभी शिक्षकों का बकाया वेतन जारी हो। लेकिन कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के पदाधिकारियों ने कॉलेज के फंड का सारा पैसा गबन कर लिया है। मैंने गवर्निंग बॉडी के संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ सभी संबंधित अधिकारियों से शिकायत की है। अब कोशिश है कि नई गवर्निंग बॉडी फार्म कर के कॉलेज को फिर से नए सिरे से शुरु करें और प्राथमिकता से शिक्षकों का वेतन जारी करें।" - पंकज गुप्ता, सदस्य, गवर्निंग बॉडी