जबलपुर ।   ट्रेन की चपेट में आने के कारण मृत हुए फैक्ट्रीकर्मी के शव को शनिवार को गड्ढे से निकलवाकर स्वजनों को सौपा गया। जीआरपी पुलिस ने शव को लावारिस मानकर उसे दफना दिया था। बाद में पहचान उजागर हुई तो शव निकालवाने की प्रक्रिया एसडीएम की मौजूदगी में हुई। जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। इधर पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है, ताकि मौत और उसके कारणों का खुलासा हो सके।

गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया था शव

पुलिस ने बताया कि सिविल लाइंस निवासी अजय यादव (55) ओएफके में कार्यरत थे। वे पत्नी मधु यादव और दो बेटियों के साथ रहते थे। बुधवार को वे ड्यूटी गए थे। शाम को ड्यूटी से घर लौटे और कुछ देर बाद अपना मोबाइल व अन्य चीजें घर में छोड़कर निकल गए। देर रात तक वे नहीं लौटे, तो मधु सिविल लाइंस थाने पहुंची। जहां पुलिस ने अजय की गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू की। इसी रात शास्त्री ब्रिज और मदन महल रेलवे स्टेशन बीच रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने के कारण उनकी मौत हो गई। गुरुवार को पुलिस ने शव का पीएम कराया। पहचान न होने पर लावारिस समझकर शुक्रवार को शव को चौहानी मुक्तिधाम में दफन करवा दिया गया। लेकिन इसी के कुछ देर बाद अजय के भाई विजय यादव समेत अन्य मदन महल जीआरपी चौकी पहुंचे, जहां मृतक की पहचान अजय के रूप में की। इसके बाद जीआरपी ने एसडीएम की अनुमति और मौजूदगी में शनिवार को शव काे निकलवाया।