भोपाल । 8000 करोड रुपए की लागत से बनने वाला फोरलेन एक्सेस, कंट्रोल ग्रीन फील्ड, अटल प्रोग्रेस वे का निर्माण अब उलझ गया है। नेशनल हाईवे ने मध्य प्रदेश के हिस्से के 306 किलोमीटर के 4 सेक्शन बनाए थे। उनके टेंडर बुलाए गए थे। तकनीकी बिड भी खोल दी गई। हर सेक्शन में 1200 से लेकर 1750 करोड़ रुपए तक के काम होने थे। अब इसकी फाइनेंसियल बिड को सरकार ने रोक दिया है। एनएचएआई अब सरकार की नई गाइडलाइन का इंतजार कर रहा है। 
किसानों की जमीन कम से कम इस मार्ग पर आए। इसके लिए अब पुनः नए सर्वे कराने की बात की जा रही है। मध्य प्रदेश का यह पहला एक्सप्रेस-वे है। जिसके दो सर्वे पहले भी हो चुके हैं। इस एक्सप्रेस-वे पर 1200 हेक्टेयर निजी जमीन आ रही है। किसान जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। भिंड, मुरैना और श्योपुर के किसान सबसे ज्यादा विरोध कर रहे हैं। 
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए,इस एक्सप्रेस वे का बड़ा प्रचार प्रसार किया गया था। लेकिन अभी यह मामला सर्वे-सर्वे के खेल में उलझा हुआ है। एनएचएआई का कहना है, कि हम सर्वे की गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं। गाइडलाइन आ जाएगी तो सर्वे का काम भी शुरू कर देंगे।