बिलासपुर ।  बिलासपुर शहर विधायक और बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी शैलेष पांडे ने भाजपा प्रत्याशी सेठ अमर अग्रवाल द्वारा बिलासपुर शहर को अपराध मुक्त किए जाने की लंबी चौड़े दावे पर प्रतिक्रिया वक्त करते हुए कहा कि सेठ अमर अग्रवाल को यह भी याद रखना चाहिए कि उन्ही के पार्टी के बिलासपुर सांसद रहे स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव ने अपने समर्थक के साथ हुई घटना को लेकर बिलासपुर में यह प्रतिक्रिया व्यक्त की थी कि बिलासपुर समेत पूरे प्रदेश में प्रशासनिक आतंकवाद चल रहा है और वे मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह इस बारे में बात करेंगे।
इससे स्पष्ट होता है कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में तथा सेठ अमर अग्रवाल के मंत्रित्व काल बिलासपुर शहर में गुंडागर्दी और प्रशासनिक आतंकवाद चरम पर था। जिसे सेठ अमर अग्रवाल का संरक्षण प्राप्त था। जिसके चलते तौर पर स्वीकार करना पड़ा था कि भाजपा शासनकाल में प्रशासनिक आतंकवाद चल रहा था। आज सेठ अमर अग्रवाल किस मुंह से शहर में गुंडागर्दी की बात कर रहे है। उनके ही कार्यकाल में उनके ही निर्देश और संरक्षण में कांग्रेस भवन में पुलिस ने घुसकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बेरहमी पूर्वक पिटाई की थी।
श्री पांडेय ने कहा कि वे सेठ अमर अग्रवाल को याद दिलाना चाहेंगे कि पत्रकार सुशील पाठक की हत्या की घटना पर वे क्यों मौन रहे ?मैग्नेटो माल में युवक की संदिग्ध मौत या हत्या!की घटना पर सारा शहर जानता है कि अमर अग्रवाल ने क्या क्या किया। मोपका में सरकारी जमीन का घोटाला और जमीन का बंदर बांट तथा सरकारी दस्तावेज की हेरा फेरी किसके कार्यकाल में हुआ यह भी शहर की जनता अच्छी तरह जानती है।
पूरे प्रदेश में राजस्व विभाग में 22 बिंदु सिर्फ बिलासपुर में ही लागू क्यों किया गया इसके पीछे तत्कालीन राजस्व मंत्री अमर अग्रवाल की क्या भूमिका और संलिप्तता रही यह भी शहर की जनता अच्छी तरह जानती है।सेठ अमर अग्रवाल के मंत्रित्वकाल में किस तेजी के साथ उनके संरक्षण में भू माफिया बड़े और सरकारी तथा निजी जमीन के खसरा नंबर कैसे पीछे उड़कर चले जाते थे यह भी शहर की जनता अच्छी तरह जानती है। शहर में भू माफियाओं की बाढ़ सेठ अमर अग्रवाल के मंत्रित्व काल में ही आया जिसकी सजा शहर की जनता आज भी भोग रही है इसलिए सेठ अमर अग्रवाल से अपेक्षा है कि वे शहर की जनता को नैतिकता का पाठ पढ़ाना बंद करें।जिसे सेठ अमर अग्रवाल का संरक्षण प्राप्त था।
जिसके चलते बिलासपुर के सांसद को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करना पड़ा था कि भाजपा शासनकाल में प्रशासनिक आतंकवाद चल रहा था। आज सेठ अमर अग्रवाल किस मुंह से शहर में गुंडागर्दी की बात कर रहे है। उनके ही कार्यकाल में उनके ही निर्देश और संरक्षण में कांग्रेस भवन में पुलिस ने घुसकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बेरहमी पूर्वक पिटाई की थी।
श्री पांडेय ने कहा कि वे सेठ अमर अग्रवाल को याद दिलाना चाहेंगे कि पत्रकार सुशील पाठक की हत्या की घटना पर वे क्यों मौन रहे ?मैग्नेटो माल में युवक की संदिग्ध मौत या हत्या!की घटना पर सारा शहर जानता है कि अमर अग्रवाल ने क्या क्या किया। मोपका में सरकारी जमीन का घोटाला और जमीन का बंदर बांट तथा सरकारी दस्तावेज की हेरा फेरी किसके कार्यकाल में हुआ यह भी शहर की जनता अच्छी तरह जानती है।पूरे प्रदेश में राजस्व विभाग में 22 बिंदु सिर्फ बिलासपुर में ही लागू क्यों किया गया इसके पीछे तत्कालीन राजस्व मंत्री अमर अग्रवाल की क्या भूमिका और संलिप्तता रही यह भी शहर की जनता अच्छी तरह जानती है।
सेठ अमर अग्रवाल के मंत्रित्वकाल में किस तेजी के साथ उनके संरक्षण में भू माफिया बड़े और सरकारी तथा निजी जमीन के खसरा नंबर कैसे पीछे उड़कर चले जाते थे यह भी शहर की जनता अच्छी तरह जानती है। शहर में भू माफियाओं की बाढ़ सेठ अमर अग्रवाल के मंत्रित्व काल में ही आया जिसकी सजा शहर की जनता आज भी भोग रही है इसलिए सेठ अमर अग्रवाल से अपेक्षा है कि वे शहर की जनता को नैतिकता का पाठ पढ़ाना बंद करें ।