ग्वालियर ।    कंपकपी और घबराहट के बीच एलएनआइपीई के सैकड़ों छात्र-छात्राएं हजार बिस्तर अस्पताल पहुंचे,अफरा-तफरी के माहौल के बीच छात्रों को रिसेप्शन पर लेटाना पड़ा, तत्काल इलाज शुरू किया गया, कुछ छात्रों को बेड के इंतजार में जमीन पर भी बैठना पड़ा। हजार बिस्तर के डाक्टर व स्टाफ भी इतनी बड़ी संख्या में मरीजों को एकदम से नहीं संभाल पा रहे थे। सिरदर्द, उल्टी, और बुखार की शिकायत सबसे ज्यादा थी।  SDM ग्वालियर विनोद सिंह ने बताया, "इस घटना को तुरंत प्रशासन ने संज्ञान में लिया है। हॉस्टल में जो भी खाद्य पदार्थ इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उनकी सैंपलिंग हो रही है। यदि इस सैंपलिंग का परिणाम ठीक नहीं आता तो कार्रवाई की जाएगी। जिस संस्था से ये खाद्य सामग्री ली सोमवार के शाम साढ़े सात बजे से लेकर साढ़े नौ, दो घंटे मैस में छात्र-छात्राओं ने भोजन किया, दो घंटे बाद हालत बिगड़ी तो प्रबंधन तक बात पहुंची। कैंपस में ही इलाज शुरू किया गया, सभी छात्र छात्राओं की हालत खराब थी, पूरे 24 घंटे तक स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और बात नहीं संभली तो हजार बिस्तर अस्पताल सभी को पहुंचाना शुरू कर दिया। छात्र-छात्राएं घबराए हुए थे, खुद छात्रों ने बताया कि हमने एलएनआइपी में ही पहले इलाज लिया था लेकिन वहां सुधार नहीं दिख रहा था।

सबसे बड़ा सवाल इतने प्रतिष्ठित खेल यूनिवर्सिटी की मैस में घटिया खाना कैसे बना, नानवेट और पनीर की खराब सप्लाई कैसे पहुंच गई, जिनकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी थी वे क्या कर रहे थे। इतनी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं बीमार होने के मामले में अब एलएनआइपीई प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।

दूषित खाने के बाद उल्टी-सिरदर्द होने लगा था

दूषित खाना खाने के बाद छात्र छात्राओं के शरीर में पानी की कमी आ गई। इससे उल्टी और दस्त की शिकायत और तेज हो गई। इसी कारण से उन्हें सिर दर्द और बुखार की शिकायत हुई। जिसके बाद मामला नियंत्रण से बाहर हो गया। तब एलएनआइपी प्रबंधन ने सभी के लिए ग्लूकोज की बोतल पीने के लिए उपलब्ध कराई जिसे लेकर छात्र अस्पताल पहुंचे।

एलआइपीई में 12 छात्रावास,गंदे पानी की शिकायत भी

छात्र छात्राओं के रहने के लिए परिसर में 12 छात्रावास है,जिसमें 8 छात्रों के लिए और 4 छात्राओं के लिए है।इन सभी में देश के अलग अलग राज्यों से आने वाले छात्र छात्राएं रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। इन सभी के लिए एक ही मैस में भोजन तैयार होता है। बीते रोज इसी मैस में वेज और नानवेज तैयार किया गया था। जिसे खाकर विद्यार्थी बीमार हुए हैं। विद्यार्थियों का कहना था कि परिसर में स्वच्छ पानी की व्यवस्था नहीं है जिसकी शिकायत कई बार की जा चुकी है पर इस पर सुनवाई नहीं हुई।

बाहर से मंगवाना पड़ी दवाएं

एनएनआइपीई से अचानक से एक सैकड़ा विद्यार्थी बीमार होकर हजार बिस्तर अस्पताल पहुंचे तो वहां पर दवाओं की शार्टेज पड़ गई। एनएनआईपीई के प्रभारी रजिस्ट्रार अमित यादव का कहना है कि उन्हें दवा बाहर से मंगवानी पड़ीं। हालांकि जेएएच प्रबंधन ने भी मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रात में स्टोर खुलवाकर सभी दवाएं उपलब्ध कराई जिसके बाद बाहर से दवाओं की आवश्यकता नहीं पड़ी।

एक बेड पर दो मरीज भर्ती कर दिया उपचार

अस्पताल में अचानक से मरीजों की भीड़ पहुंचने से बेड की कमी आ गई। अस्पताल में व्यवस्था बिगड़ गई। एक बेड पर दो दो छात्र,छात्राओं को लिटाकर उपचार शुरू किया गया। कई बेड पर ताे तीन-तीन विद्यार्थियों को लेटाकर इलाज देना पड़ा। छात्राओं को प्लेटफार्म पर लेटाकर ड्रिप लगाई गई। कई छात्रों काे ड्रिप के बाद कंपकंपी छू गई। जिससे हड़कंप मच गया हालांकि डाक्टरों ने तत्काल ड्रिप हटाकर मामले को नियंत्रण में लाने का प्रयास तेज कर दिया। लेकिन रात 11 बजे तक हजार बिस्तर अस्पताल में बीमार होकर विद्यार्थी पहुंचते जा रहे थे और स्थिति भयावह बनी हुई थी।

मरीजो की बढ़ती संख्या को देखते हुए जेएएच अधीक्षक के निर्देश पर बी ब्लाक के आर्थोपेडिक वार्ड में बीमार विद्यार्थियों को भर्ती किया गया। डा धाकड़ का कहना था कि यदि आवश्यकता पड़ी ताे अन्य वार्ड भी खोल दिए जाएंगे। मैने बीती शाम को खाना खाया और मुझे घबराहट हुई। इसके बाद उल्टी,दस्त की शिकायत हुई।

रात तो ऐसे ही गुजर गई,सुबह प्रबंधन को जानकारी दी तो उन्होंने दवा भी दी लेकिन उससे कोई खास लाभ नहीं मिला।

-अंकिता ,छात्रा

खाना खाने के बाद ही मुझे लूज़ मोसन होने लगे थे। रात में ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन सुबह देखा ताे पूरे संस्थान में सबको यही समस्या थी। तब लगा कि खाने में कुछ गड़बड़ हो गई। मेरी बहुत बुरी हालत है क्या करुं।

-विकास द्विवेदी,छात्र

सिर दर्द हो रहा है उल्टी,दस्त की शिकायत हुई। बुखार नहीं है पर हालत बुरी है। मैंने पनीर से खाना खाया था जिसके बाद बीमार पड़ गई।मच्छर के काटने से बीमार नहीं हुए न वहां पर मच्छर हैं।

-सालनी, छात्रा

मुझे बुखार,खांसी,उल्टी,दस्त की परेशानी है। संस्थान में इलाज भी लिया पर कोई लाभ नहीं मिला तब यहां पर लेकर आए। अब इलाज शुरू हुआ है आराम है।

-दिव्यांश, छात्र

एक सैकड़ा से अधिक छात्र छात्राएं बीमार होकर भर्ती हुए हैं। कुछ विद्यार्थियों की हालत थोड़ी गंभीर थी पर डाक्टरों की टीम ने तत्काल उपचार देकर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है। दवाओं की भरपूर उपलब्धता है। बी ब्लाक खुलवा दिया है बेड की भी कोई समस्या नहीं रही।डाक्टर लगातार विद्यार्थियों पर निगरानी बनाए हुए हैं।

-डा आरकेएस धाकड़,अधीक्षक जेएएच