रायपुर ।    छत्‍तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का असर प्रापर्टी के कारोबार पर भी पड़ रहा है। शहर के बिल्डरों को दुर्गा पूजा से दीवाली तक कारोबार में बूम की उम्मीद रहती है, लेकिन आंकड़े इसके उलट हैं। अगस्त में 5,459, सितंबर में 5,229 और त्योहारी सीजन होने के बावजूद अक्टूबर में 4,804 रजिस्ट्री हुई है। नवंबर में भी अभी दस दिनों में सामान्य महीनों की अपेक्षा कम ही रजिस्ट्री हो रही है। प्रापर्टी में अगस्त तक जबरदस्त बूम आया था। कहीं लोगों ने प्लाट खरीदे तो कहीं फ्लैट। पंजीयन कार्यालय भी गुलजार था, लेकिन अब यही प्रापर्टी में आया बूम गिरता नजर आ रहा है।

रजिस्ट्री की संख्या में आई कमी

पंजीयन कार्यालय में बीते माह की अपेक्षा रजिस्ट्री की संख्या में कमी आई है। बिल्डर पुराना धमतरी रोड, कचना रोड, विधानसभा रोड में नए टाउशिप में स्वतंत्र मकान और फ्लैट बना रहे थे। त्योहारी सीजन होने के बावजूद भी ग्राहक ढूंढ़ने में पसीना छूट रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी सीजन में कुछ भूखंडों की बिक्री हो रही थी। अब चुनाव करीब आ रहा है। हर माह गिरावट: पंजीयन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो जुलाई में में 5,712, अगस्त में 5,459, सितंबर में 5,229 और अक्टूबर से लेकर अब तक 4,804 रजिस्ट्री हुई है। रजिस्ट्री में हर माह में गिरावट आई है। यही नहीं, बैनामे भी कम हुए हैं।

आचार संहिता से ऐसे लगा झटका

जमीन खरीदी-बिक्री से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन खरीदनी हो या फिर फ्लैट या मकान लेना हो। ये खरीद-फरोख्त अधिकांशत: दो नंबर में अधिक होती है। ऐसे में लोग नकदी लेकर निकलते हैं। इस समय आचार संहिता लगी है। लोग नकदी लेकर निकलेंगे तो कहीं न कहीं जांच में पकड़े जाएंगे और ऐसे में वह इस पैसे का हिसाब नहीं दे पाएंगे। आयकर विभाग की भी नजर ऐसे पैसों पर है। इसलिए भी जमीन की खरीद कुछ दिन में कम होने की संभावना है। रायपुर पंजीयन विभाग के मुख्य पंजीयक आशुतोष कौशिक ने कहा, निर्धारित वार्षिक लक्ष्य से प्लस में हैं। इस माह रजिस्ट्री की संख्या में थोड़ी कमी आई है। साथ ही बैनामे भी कम हुए हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं।