नई दिल्ली ।  सर्जिकल मास्क प्रदूषण से बचाने में कारगर नहीं होते। एन 95 मास्क के जरिये सुरक्षा जरूर होती है, लेकिन हर वक्त आप मास्क लगाए नहीं रह सकते। एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर हर समय कमरे में बंद नहीं रह सकते। ऐसे में प्रदूषण से बचना है तो अच्छा खान-पान ही विकल्प है। एम्स के डॉक्टरों ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। एम्स के पल्मोनरी और स्लीप मेडिसिन विभाग की ओर से वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव और इसके कारणों पर चर्चा आयोजित की गई थी। पल्मोनरी विभाग के प्रमुख डॉ. आनंद मोहन ने कहा कि प्रदूषण से बचाव के लिए कोई दवा नहीं है। मास्क के अलावा एयर प्यूरीफायर भी उतने कारगर नहीं है। पहले तो इसका इस्तेमाल महंगा है, जो हर कोई नहीं कर सकता। दूसरा इसके इस्तेमाल के समय कमरा बंद रखना होता है। आनंद मोहन ने कहा, जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक प्रदूषण वाले इलाके में रही हैं, उनके बच्चे का कम वजन होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। इस पर सीधे तौर पर कोई अध्ययन नहीं हुआ है, लेकिन इसके असर पर आर्टिकल छापे गए हैं। उन्होंने कहा, स्वस्थ लोग आज बीमार नहीं हो रहे हैं तो आने वाले 10 वर्ष में उन्हें सांस संबंधी समस्या नहीं होगी, इससे इन्कार नहीं कर सकते। सरकार को प्रदूषण कम करने पर गहराई से विचार करना होगा। बाकी लोग अच्छा खान-पान लेकर, सुबह और शाम की सैर से बचकर, बाहर निकलते हुए मास्क लगाकर प्रदूषण की समस्या से खुद को बचा सकते हैं। प्रदूषण से बचाव को लेकर अध्ययन किए जा रहे हैं, लेकिन उसके नतीजे आने में वक्त लगेगा। प्रेसवार्ता में डॉ. विजय हाडा भी शामिल रहे।