राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में ‘पवार बनाम पवार’ के झगड़े के बाद महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक महासंग्राम के बीच उद्धव ठाकरे ने रविवार को अजीत पवार पर तंज किया. उन्होंने कहा कि वह यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि बीजेपी अपने नए मतभेदों को कैसे संभालती है. यह तंज ऐसे समय आया है जब अजित पवार के महाराष्ट्र में शिंदे सरकार में शामिल होने और डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के एक हफ्ते बाद उद्धव ठाकरे ने अपना विदर्भ दौरा शुरू किया. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर बीजेपी ने (शिवसेना से) ढाई-ढाई साल के लिए बारी-बारी से सीएम पद देने का अपना वादा निभाया होता, तो उसको ‘अन्य पार्टियों का दामन नहीं थामना पड़ता’. उद्धव ठाकरे ने कहा कि अमित शाह और उनके बीच 2019 में यह फैसला किया गया था कि दोनों पार्टियों के पास ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद होगा.

 

एक राष्ट्र, एक पार्टी मानने को तैयार नहीं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि उन्हें एक राष्ट्र, एक कानून को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं हैं. लेकिन एक राष्ट्र, एक पार्टी को मानने को तैयार नहीं हैं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब पीएम मोदी का करिश्मा फीका पड़ गया है. उन्होंने कर्नाटक चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि यहां पीएम ने बजरंग बली की जय का नारा दिया था, लेकिन भगवान ने उन्हें अपनी गदा से जवाब दिया.


क्या शिंदे को अयोग्य ठहराया जाएगा?

बता दें कि शरद पवार और उनके विधायकों को कैबिनेट में शामिल करने से अटकलें तेज हो गई हैं कि अगर सीएम शिंदे और उनके विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया जाता है तो बीजेपी ने एक इमरजेंसी प्लान तैयार रखा है. माना जा रहा है कि अजित पवार गिरोह के समर्थन के कारण बीजेपी सरकार में बनी रहेगी. बता दें कि अयोग्यता का निर्णय विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को करना है, जिन्होंने शनिवार को शिंदे गुट के 40 और उद्धव के 14 विधायकों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब तलब किया था.


शरद पवार ने मांगी माफी

रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में चाचा-भतीजे की लड़ाई के बीच शरद पवार ने शनिवार को नासिक के येओला का दौरा किया. उन्होंने इस दौरान भरोसा करने में गलती करने के लिए लोगों से माफी मांगी. वहीं येवला विधायक छगन भुजबल, जो अब महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री हैं, ने कहा कि शरद पवार के परिवार में हुए विद्रोह के लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता. भुजबल ने कहा कि शरद पवार साहब, आप येओला क्यों आए? मैं इसे समझ नहीं पाया. मैं विद्रोह के लिए जिम्मेदार नहीं हूं. यह आपके परिवार में हुआ था. कितनी जगह माफ़ी मांगोगे, पवार साहब.