उज्जैन। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की उज्जैन-झालावाड़ फोरलेन सडक़ परियोजना अगले माह नवंबर में भी पूरी नहीं हो पाएगी। वजह, काम में सुस्ती और खिलचीपुर में पिलियाखाल नाले पर नया पुल बनाने को अब तक जमीन का आवंटन न होना है। नया पुल, वर्तमान क्षतिग्रस्त पुलिया को तोडक़र बनाया जाए या अन्य जगह, इसे लेकर अब भी पसोपेश है।
अफसरों का मानना है कि वर्तमान पुलिया को तोडक़र नया पुल बनाना प्रारंभ किया तो इस मार्ग से गुजरने वाले ट्रैफिक को यथावत चालू रखने के लिए परिवर्तित मार्ग तो बनाना ही होगा। काम को गति देने के लिए सोमवार को दिल्ली से आए वरिष्ठ अधिकारियों से कार्य स्थल का निरीक्षण किया और काम तेजी से कराने के निर्देश दिए।
मालूम हो कि राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रमांक 552- जी के नाम से पहचाने जाने वाले 134 किलोमीटर लंबे उज्जैन-आगर-झालावाड़ रोड को 10 मीटर चौड़ा करने का काम एनएचएआइ ने 22 जून 2021 को ठेकेदार, मुंबई की जीएचवी कंस्ट्रक्शन कंपनी से शुरू कराया था। अनुबंध अनुसार सडक़ और उसके बीच बनने वाले पुल-पुलिया का निर्माण जून 2023 तक पूरा हो जाना था मगर नहीं किया जा सका। प्रमुख कारण, प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले बाधाओं को न हटाया जाना रहा। एक कारण, कुछ महीने पहले प्रोजेक्ट में एक बड़ा संशोधन होना अफसर बताते हैं।
संशोधन ये कि उज्जैन शहर की सीमा (आगर रोड नाका नंबर पांच) से घोंसला तक 27 किलोमीटर लंबा फोरलेन बनाया जाएगा। संशोधन के कारण प्रोजेक्ट की लागत 346 करोड़ से बढ़ाकर 390 करोड़ रुपये कर दी गई। तमाम परिस्थितियों को देख एनएचएआइ ने इसी वर्ष जून में प्रोजेक्ट पूर्ण करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 नवंबर की थी। भौगोलिक स्तर पर देखने पर अभी काफी काम छूटा है। अफसरों का कहना है कि पांच-सात प्रतिशत काम है जो निर्धारित अवधि में पूर्ण करवा लिया जाएगा, मगर सवाल ये है कि अभी तो खिलचीपुर में पिलियाखाल नाले पर पुल के निर्माण के लिए जमीन तक तय नहीं हो पाई है। आरडी गार्डी मेडिकल कालेज से खिलचीपुर तक रोड के एक हिस्से का डामरीकरण और दो पुलिया का निर्माण अधूरा है। कालेज से आगे घट्टिया, घोंसला, आगर, सोयत, सुसनेर तक रोड़ का निर्माण पूरा हो चुका है।