पिछले कुछ समय से जिस तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ी है और कई ऑटोमोबाइल कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों को लॉन्च कर रही है। प्रदूषण नहीं होने की वजह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को ना सरकार की ओर से भी काफी मदद की जा रही है, जिसका फायदा इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली कंपनियों के साथ आम लोगों और पर्यावरण को हो रहा है।


उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी का कहना है कि उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक गाड़ियों की क्रांति की ओर बढ़ रहा है। सरकार पहले ही ईवी के लिए नीति ला चुकी है। आने वाले समय में प्रदेश में 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आने की संभावना है।

प्रदेश में हिंदुजा समूह और अशोक लेलैंड जैसी कंपनियां भी प्रदेश में निवेश की तैयारी कर रही हैं। नंदी ने कहा कि प्रदेश में ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, चार्जिंग ढांचे को मजबूत करने का काम, रिचार्जेबल बैटरी के उत्पादन के साथ ईवी प्लांट को लगाने के लिए कई बड़ी कंपनियों ने इच्छा जाहिर की है।

गौर करने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले दो पहिया गाड़ियों और चार पहिया गाड़ियां ईवी खरीदने वालों को छूट देने का ऐलान किया था। सरकार ने दो पहिया पर 5 हजार रुपए की छूट और कार की खरीद पर तकरीबन एक लाख रुपए तक की छूट देने की बात कही थी। यही नहीं गैर सरकारी ईवी बसों की खरीद पर 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी देने की बात कही थी।

इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए लोगों को upesubsidy.in पोर्टल पर आवेदन करना होता है। जिसके बाद आपकी सब्सिडी की राशि सीधे बैंक खाते में पहुंच जाती है। सरकार की ओर से पहले ही इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर लगने वाले वन डाइम टैक्स को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।

हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि ईवी पर मिलने वाली सब्सिडी आपको एक ही गाड़ी की खरीद पर मिलेगी। लेकिन अगर बड़े ऑर्गेनाइजेशन जैसे नगर निगम, ओला, उबर जैसे ग्रुप ईवी खरीदती हैं तो उन्हें अधिकतम 10 इलेक्ट्रॉनिक वाहनों पर यह सब्सिडी मिलती है।