लंदन । ब्रिटेन की सरकार ने भारत स‎हित दुनिया भर से देश में आने वाले आगंतुकों एवं छात्रों के लिए वीजा शुल्क बढ़ाने की घोषणा की है और यह बढ़ोतरी आगामी चार अक्टूबर से प्रभावी होगी। आगंतुकों को अब छह महीने से कम अवधि वाले दौरे के वीजा के लिए 15 पाउंड और छात्र वीजा के लिए 127 पाउंड अधिक खर्च करने होंगे। हाल ही में संसद में पेश किए गए अध्यादेश के बाद ब्रिटेन के गृह विभाग ने कहा कि बदलावों का मतलब है कि छह महीने से कम समय के दौरे के वीज़ा की लागत बढ़कर 115 पाउंड हो जाएगी और छात्र वीज़ा के आवेदकों को अब 490 पाउंड खर्च करना होगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने जुलाई में घोषणा की थी कि देश के सार्वजनिक क्षेत्र की वेतन वृद्धि को पूरा करने के लिए वीजा आवेदकों द्वारा ब्रिटेन की वित्त पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के लिए भुगतान की जाने वाली फीस और स्वास्थ्य अधिभार में बड़ी वृद्धि होने वाली है। सुनक ने उस वक्त कहा था ‎कि हम इस देश में आने वाले प्रवासियों के वीजा के लिए आवेदन करने पर लगने वाले शुल्क को बढ़ाने जा रहे हैं। इसे वस्तुत: आव्रजन स्वास्थ्य अधिभार (आईएचएस) कहा जाता है, जो एक प्रकार का लेवी (शुल्क) है जिसका वे एनएचएस तक पहुंचने के लिए भुगतान करते हैं। ब्रिटेन के गृह विभाग ने इस हफ्ते अधिकांश कार्य एवं यात्रा वीजा की लागत में 15 प्रतिशत की वृद्धि और प्राथमिकता वाले वीजा, अध्ययन वीजा और प्रायोजन के प्रमाण पत्र की लागत में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत दिया था। शुल्क में बढ़ोतरी स्वास्थ्य और देखभाल वीजा सहित अधिकांश वीज़ा श्रेणियों पर लागू की गई है।