आमलकी एकादशी को आमला एकादशी भी कहते हैं. उस दिन रंगभरी एकादशी भी मनाई जाती है. यह एक ऐसा दिन है, जब इस एकादशी को भगवान विष्णु के अलावा भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. पंचांग के अनुसार, आमलकी एकादशी का व्रत फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होता है. उस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. हालांकि उस दिन वाराणसी में रंगभरी एकादशी मनाई जाती है, जहां बाबा विश्वनाथ और माता गौरी को पूजा में गुलाल अर्पित किया जाता है. शिव और शक्ति नगर भ्रमण करते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बता रहे हैं कि आमलकी एकादशी कब है? मुहूर्त और पारण समय क्या है?

कब है आमलकी एकादशी 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस बार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 20 मार्च को 12:21 एएम पर शुरु होगी. इस तिथि का समापन 21 मार्च को 02:22 एएम पर होगा. उदयातिथि के आधार पर आमलकी एकादशी का व्रत 20 मार्च दिन बुधवार को रखा जाएगा. रंगभरी एकादशी भी 20 मार्च को है.

रवि योग में है आमलकी एकादशी
20 मार्च को आमलकी एकादशी वाले दिन रवि योग, सुकर्मा योग और पुष्य नक्षत्र है. उस दिन रवि योग सुबह 06 बजकर 25 मिनट से शुरु होगा और यह रात 10 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. रवि योग में सभी दोष मिट जाते हैं. इसमें सूर्य का प्रभाव अधिक होता है.

रवि योग के अलावा अतिगण्ड योग सुबह से शाम 05:01 पीएम तक है. उसके बाद से सुकर्मा योग बनेगा, जो पूरी रात है और अगले दिन शाम 05 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. व्रत वाले दिन पुष्य नक्षत्र है, जो सुबह से रात 10 बजकर 38 मिनट तक है. उसके बाद से अश्लेषा नक्षत्र है.

आमलकी एकादशी 2024 पारण समय
आमलकी एकादशी व्रत का पारण 21 मार्च दिन गुरुवार को किया जाएगा. उस दिन हरिवासर सुबह 08 बजकर 58 मिनट पर खत्म होगा और पारण समय दोपहर 01 बजकर 41 मिनट से शाम 04 बजकर 07 मिनट तक है. इस समय में आपको पारण करके व्रत को पूरा करना चाहिए.