डोमिनिका में पहले टेस्ट मैच में रोहित की पलटन की पिक्चर सुपरहिट रही। बल्लेबाजी में यशस्वी जायसवाल और कप्तान रोहित ने धमाल मचाया, तो गेंदबाजी में रविचंद्रन अश्विन अकेले ही पूरी कैरेबियाई टीम पर भारी पड़े। सीरीज का अगला मुकाबला अब पोर्ट ऑफ स्पेन के क्वींस पार्क ओवल में खेला जाना है। इस मैदान पर भारतीय टीम को पिछले 21 साल में एक भी जीत नसीब नहीं हो सकी है।

पोर्ट ऑफ स्पेन में खत्म होगा सूखा

भारतीय टीम ने पोर्ट ऑफ स्पेन के क्वींस पार्क ओवल में अपना आखिरी टेस्ट मैच साल 2002 में जीता था। साल 2016 में भारतीय टीम इस मैदान पर दोबारा खेलने लौटी थी, लेकिन तब जीत नसीब नहीं हो सकी थी और मैच ड्रॉ रहा था। 1997 में भी इस ग्राउंड पर भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया मुकाबला ड्रॉ पर ही छूटा था। 1989 में कैरेबियाई टीम ने भारत को 217 रन से रौंदा था।

रोहित बदल पाएंगे इतिहास

कप्तान रोहित शर्मा के ऊपर 21 साल का सूखा खत्म करने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। हालांकि, भारतीय टीम की मौजूदा फॉर्म और वेस्टइंडीज की खस्ता हालत को देखते हुए यह काम इस बार मुमकिन होता हुआ दिखाई देता है। भारतीय बैटिंग ऑर्डर जबरदस्त फॉर्म में है। वहीं, इंडियन स्पिनर्स ने कैरेबियाई बल्लेबाजों को खासा परेशान किया है।

कैसी खेलती है पिच

क्वींस पार्क ओवल की पिच पर बल्लेबाजों का बोलबाला रहता है। त्रिनिदाद में मौजूद इस स्टेडियम में अच्छे खासे रन बनते हैं। हालांकि, पिछले कुछ सालों में पिच से स्पिन गेंदबाजों को भी मदद मिलती दिखी है, जो भारतीय टीम के लिए काफी शुभ संकेत हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े

त्रिनिदाद के इस ग्राउंड पर अब तक क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में कुल 61 मैच खेले गए हैं। इस दौरान 20 मैचों में जीत पहले बैटिंग करने वाली टीम के हाथ लगी है, तो 18 मैचों में बाजी गेंदबाजी करने वाली टीम ने मारी है। फर्स्ट इनिंग में इस मैदान पर एवरेज स्कोर 302 का रहा है, जबकि दूसरी इनिंग में औसतन स्कोर 314 रन है। यह आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि इस मैच में बल्लेबाजी की मौज हो सकती है। तीसरी इनिंग में औसत स्कोर 262 रहता है। हालांकि, आखिरी पारी में बल्लेबाजों को थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।