सचिव बजरंग सिंह और सरपंच संगीता धुर्वे गोरसी पंचायत को बेचने पर आतुर ,वरिष्ठ अधिकारियों का नहीं कोई डर

अनूपपुर |  जिले में ग्राम पंचायत पर वरिष्ठ अधिकारियों का कोई लगाम नहीं रह गया है सरकार के द्वारा श्रमिकों के लिए लगातार राशि बढ़ाई जा रही है ताकि श्रमिकों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके और ग्राम पंचायत में ज्यादा से ज्यादा कार्य कर सके जिससे ग्राम पंचायत से पलायन का स्तर कम हो सके लेकिन इन सब के बावजूद गोरसी पंचायत के सचिव और सरपंच  ग्राम पंचायत को बेचने पर आमादा है। हालत यह है कि ग्राम पंचायत के सचिव सरपंच के द्वारा मजदूरों के पेट पर लात मारने का कार्य किया जा रहा है जिस सीसी रोड में सीसी रोड की नीव बनाने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता होती है वहां पर सचिव और सरपंच के द्वारा जेसीबी मशीन का उपयोग किया जाता है।  तस्वीरों में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि ग्राम पंचायत गोरसी अंतर्गत सचिव एवं सरपंच के द्वारा सीसी रोड निर्माण के दौरान मशीन का उपयोग किया गया है और ऐसा भी नहीं है कि इस बात का सज्ञान  वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं है।  जैतहरी जनपद में जब से सीईओ मिश्रा पदस्थ हुए हैं जैतहरी में मानो भ्रष्टाचार की बाढ़ आ गई है ग्राम पंचायत के सचिव और सरपंच ने गांव का ठेका ले लिया है काम हो या ना हो शासन के पैसों के बंदर वाट लगातार जारी है अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि यदि जिला स्तर के अधिकारियों के द्वारा सज्ञान  नहीं लिया गया तो जैतहरी का भ्रष्टाचार पूरे प्रदेश में गूंजेगा।

सीसी रोड में मशीनों के उपयोग से नीव खुदाई का हुआ कार्य

गोरसी ग्राम पंचायत अंतर्गत सरपंच एवं सचिव की मिली भगत से सीसी रोड निर्माण के दौरान नीव खुदाई के लिए जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया जबकि मनरेगा कार्य अंतर्गत जेसीबी मशीन से कार्य करने की अनुमति प्राप्त नहीं है। इसके बावजूद सचिव एवं सरपंच के द्वारा मजदूरों के साथ छलावा करते हुए मशीन का उपयोग किया गया जो की अनुचित कर है इस पर सचिव एवं सरपंच पर दंडात्मक कार्यवाही होना अत्यंत आवश्यक है

रवि राठौर नामक फर्म पर लगातार सरपंच एवं सचिव के द्वारा किया जा रहा है भुगतान

ग्राम पंचायत गोरसी में सरपंच सचिव के द्वारा रवि राठौर फर्म के नाम पर लगातार भुगतान किया जाता है किंतु वास्तव में हकीकत यह है कि रवि राठौर नामक कोई भी फर्म ग्राम पंचायत में मौजूद नहीं है ।रवि राठौर के पास केवल जेसीबी मशीन मौजूद है इसके अतिरिक्त कोई भी दुकान या फर्म उपलब्ध नहीं है इसके बावजूद ग्राम पंचायत के द्वारा फर्जी बिल की बंदर वाट के लिए रवि राठौर के नाम से भुगतान किया जाता है जो कि मध्य प्रदेश कदाचरण श्रेणी में आता है जिस पर सरपंच एवं सचिव पर धारा 40 की कार्यवाही होना अत्यंत आवश्यक

मुरूम के नाम से रवि राठौर नमक फॉर्म में किया गया भुगतान

ग्राम पंचायत में बढ़ते भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना अब अत्यंत कठिन हो गया है वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा बिलों के भुगतान के दौरान मूरूम के बिल के भुगतान किया जा रहे हैं जबकि मुरूम  के नाम से रॉयल्टी दी जाती है लेकिन रॉयल्टी की कोई भी कीमत खनिज विभाग में या फिर वरिष्ठ कार्यालय में जमा नहीं किया गया है फर्जी बिल के आधार पर मूरूम का भुगतान कर दिया गया है जो कि मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण संहिता के विपरीत है ऐसे विषय पर वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान लेकर जांच की कार्रवाई करना अत्यंत आवश्यक है।