इगाराजवि अमरकंटक के कुलपति पर हो एसएसीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा कायम-दिग्विजय सिंह
समाज पूर्व मुख्यमंत्री से गंभीर बयान की करती अपेक्षा-पीआरओ इगाराजवि अमरकंटक

 


अनूपपुर। मध्यप्रदेष के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार की सुबह स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये जिले में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रोफेसर प्रकाश मणि त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन पर एससी एसटी एक्ट के तहत मामला कायम होना चाहिये क्योंकि जब इस विष्वविद्यालय की स्थापना स्वर्गीय अर्जुन सिंह ने की थी तब एक एक्ट बनाकर के 50 प्रतिषत प्रवेष अदिवासियो के लिये सुरक्षित किया गया था लेकिन जानकारी मिली है कि विष्वविद्यालय के कुलपति श्रीप्रकाष मणि त्रिपाठी ने अपने अधिकारो का दुरूपयोग करते हुये आदिवासियो का आरक्षण कम कर दिया उन्होंने कहा कि अगर यह सत्य है तो विष्वविद्यालय के कुलपति श्रीप्रकाष मणि त्रिपाठी पर अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम के विभिन्न धाराओ के तहत मुकदमा कायम कराया जाना चाहिये। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि विष्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर है कि डाॅक्टर है यह भी जांच का विषय है कि उनकी डिग्री सही है कि नही है क्योंकि कोई कही से भी डिग्री ले कर आ जाता है। 
आरोपों का विष्वविद्यालय ने किया खंडन
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विष्वविद्यालय अमरकंटक के जन संपर्क अधिकारी विजय दीक्षित ने सर्वोच्च सत्ता को जारी एक वीडियो संदेष में कहा कि संवैधानिक पदो को संभाल चुके राज नेताओ से समाज गंभीर व्यक्तव्य की अपेक्षा करता है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के कुलपति के ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वह निराधार हैं। क्योंकि विश्वविद्यालय की स्थापना से ही यहां पर भारत सरकार एवं यू.जी.सी. के नियमानुसार ही आरक्षण के नियमों का पालन किया जा रहा है। उन्हांेने आगे कहा कि मैं अत्यंत विनम्रता पूर्वक यह कहना चाहता हूं की एक संवैधानिक पद को सुशोभित कर चुके वरिष्ठ राजनेता से समाज गंभीर वक्तव्य की अपेक्षा करता है। क्योंकि आरक्षण संबंधी नियमों में संशोधन का अधिकार विश्वविद्यालय प्रशासन या कुलपति के पास नहीं होता है। इसका अधिकार सिर्फ और सिर्फ भारतीय संसद को है।