रात भर तांडव मचाने के बाद तीसरे दिन हाथियों ने जमाया बांका के जंगल में डेरा
अनूपपुर / गुरुवार एवं शुक्रवार की मध्यरात्रि पांच हाथियों के समूह ने बांका के जंगल से देर रात निकल कर केकरपानी गांव के तीन ग्रामीणों के घरों एवं बाडियों में तोड़फोड़ कर घर के अंदर रखे अनाज एवं बाड़ी में लगे फलों को अपना आहार बढ़ातते हुए शुक्र शुक्रवार की सुबह ग्रामीणों के लाख प्रयास के बाद भी दबे पांव चुपचाप वापस बांका के जंगल में आकर विश्राम कर रहे हैं ग्रामीणों द्वारा हाथियों के समूह से उत्पन्न समस्या के स्वयं निदान करने के उद्देश्य से हाथियों को घेरकर अपने जंगल व गांव से अन्य स्थान पर भगाने का भरसक प्रयास किया जिससे वे असफल रहे हैं।

 


ज्ञातव्य है कि पांच हाथियों का समूह विगत 14 दिनों से अनूपपुर जिले के सीमा क्षेत्र में निरंतर विचरण करते हुए विगत 3 दिनों से वन परिक्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत बांका गांव के वन क्षेत्र के कक्ष क्रमांक आर,एफ,357 एवं 358 के मध्य दिनभर रहकर विश्राम कर रहे हैं जो निरंतर तीन दिनों से देर शाम होते ही जंगल के समीप स्थित केकरपानी गांव के ग्रामीणों जो गांव के बाहर खेतों में कच्चे एवं पक्के घर बनाकर परिवार सहित रह रहे हैं पर खाने की तलाश को लेकर निरंतर हमला कर रहे हैं इसी के तहत गुरुवार की रात 7 बजे के लगभग चतुर सिंह के कच्चे मकान जिसमें एक दिन पूर्व भी हाथियों ने हमला किया रहा के  यहां पुनः घुसकर घर के आगे एवं पीछे की दीवार तोड़ कर घर में रखें अनाज को बाहर निकालकर एवं बाड़ी में लगे केला एवं कटहल के फलों को निरंतर 4 घंटे तक खाते रहे हैं इस बीच ग्रामीणों के हो-हल्ला करने पर चतुर सिंह के घर से निकलकर रास्ते में धान के थरहा को खाते हुए वेवा महिला सुरजिया बाई पति स्व,मानसिंह के पक्के मकान का दरवाजा तोड़ा व बाड़ी में लगा केला खाने बाद कोमल पिता भागीरथी सिंह के मकान में तोड़फोड़ कर अंदर रखें आवाज को खाया व बाड़ी में लगे केला एवं कटहल के फलों को अपना आहार बनाया बनाते हुए निरंतर चार घंटों तक घर को घेरा रहा है इस बीच हाथियों का दल बीच-बीच में दो-तीन भागों में बटता रहा है जो ग्रामीणों की गांव से बाहर निकालने के निरंतर प्रयास के बाद भी दबे पांव वापस सुबह होते ही बांका गांव के जंगल में जाकर विश्राम कर रहे हैं इस बीच हाथियों के समूह ने दो-तीन बार ग्रामीणों को दौड़ाने का प्रयास भी किया है वहीं वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ग्राम पंचायत दुधमनिया के सरपंच भवन सिंह एवं ग्राम पंचायत पगना के पूर्व सरपंच सुधार सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन एवं वन विभाग से हाथियों के समूह को आबादी वाले क्षेत्र से बाहर अन्य क्षेत्र में भेजे जाने की मांग किए जाने के बाद भी वन विभाग एवं अन्य प्रशासन द्वारा किसी भी तरह का उपाय न कर पाने के कारण ग्रामीण जन स्वयं खतरा मोल देकर हाथियों को गांव से बाहर खदेड़ने का प्रयास किया जिसने वे एक बार पुनः सफल नहीं हो सके हैं इस बीच दुधमनिया,केकरपानी,बांका खोल ईया आदि गांव के ग्रामीण भयभीत स्थिति में पूरी रात अड़ोस-पड़ोस के पक्के मकानों की छतों में चढ़कर अपनी जान की सुरक्षा करने में लगे हुए हैं शुक्रवार की शाम तीसरे दिन हाथियों का रुख किस और होगा पर ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि वन विभाग एवं पुलिस विभाग के अधिकारी हाथियों के समूह पर नजर बनाए रखते हुए हैं,आम जनता को हाथियों से दूर रहने व कच्चे मकानों में रहने वाले ग्रामीणों को सुरक्षित तरह से पक्के मकानों एवं पक्के मकानों की छतों में रहने की सलाह मुनादी के माध्यम से दे रहे हैं वही वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर दुधमनिया पटवारी हाथियों के द्वारा ग्रामीणों की किए गए मकान,फसल नुकसानी का निरंतर सर्वेक्षण कर क्षतिपूर्ति प्रकरण बनाने की कार्यवाही में जुटा हुआ है।