चार दिन बिताने बाद हाथियों का दल रविवार की सुबह पहुंचा पचरीपानी गांव के जंगल में
हाथियों को भगाने में सफल रहे ग्रामीण,ग्रामीणों के घरों एवं खेतों का किया नुकसान

 


अनूपपुर / विगत 15 दिनों से छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में प्रवेश किये पांच हाथियों का समूह शनिवार की रात वन परीक्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत बांका जंगल से निकलकर बांका,केकरपानी,दुधमनिया गांव के ग्रामीणों के घरों में एवं बाडियों में नुकसान पहुंचाते हुए रविवार की सुबह पचरीपानी के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं। हाथियों के समूह द्वारा विगत रात कुछ ग्रामीणों के घरों एवं बाड़ी में लगे फलों एवं घर के अंदर रखे अनाजों को अपना आहार बनाया है इस बीच कई दिनों से हाथियों के आने के कारण परेशान एवं भयभीत ग्रामीणों ने समूह बनाकर पूरी रात ग्राम हाथियों के समूह को गांव से बाहर खदेड़ा जिससे हाथियों का समूह रविवार की सुबह ताराडांड बीट के पचरीपानी गांव के जंगल में आकर विश्राम कर रहे है,रविवार की रात हाथियों का दल किस ओर रुख करेगा यह देखना है अब तक हाथियों के समूह से किसी भी तरह की दुर्घटना की स्थिति निर्मित नहीं हुई है जबकि सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों द्वारा खदेड़े जाने पर एक हाथी द्वारा कई बार ग्रामीणों को लौट कर खदेड़ने का प्रयास किया।

 


ज्ञातव्य है कि शनिवार की शाम वन परीक्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत कक्ष क्रमांक आर,एफ,357 बांका गांव के बांस प्लांटेशन के जंगल में पांच हाथियों का समूह पूरे दिन विश्राम करने बाद शाम होते ही जंगल के किनारे बांका गांव के धीरज सिंह के घर के पास आकर घरों में हमला बोलने का प्रयास किया इस बीच ग्रामीणों द्वारा हाथियों के समूह को जंगल में खदेड़ दिया जिसके बाद हाथियों का समूह भागवत सिंह के यहां से गुजरता हुआ चंद्रवती सिंह के कच्चे मकान को दूसरी बार हमला करते हुए बाड़ी में लगे कटहल को खाने बाद लोकड़ीमाडा तालाब में नहाने हुए देर रात तालाब से निकलकर जय सिंह पिता मोहन सिंह,प्रताप सिंह धुर्वे,जयफुल चौधरी,फागुना सिंह,भरोसा सिंह के कच्चे एवं पक्के मकानों में हमलावर तोड़-फोड़ करते हुए घर के अंदर एवं बाड़ी में लगे अनाज व फलों,पेडो को खाते हुए बड़वारनाला को पार कर समरथ सिंह एवं पुरुषोत्तम सिंह के घर में आर,सी,सी,सीट एवं गौशाला की छानी तोड़ते हुए खदेड़े जाने पर देर रात अमर सिंह पिता स्व,गणपत सिंह के फार्म हाउस में स्थित पक्के मकान की परछी में आकर अनाज की तलाश करते हुए नहीं मिलने पर पड़ोस में खडे ट्रैक्टर-ट्राली में रखे धान के थराहा को खाया इस बीच सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों एवं वनकर्मियों द्वारा तेजी से खदेड़े जाने पर खेतों से गुजरते हुए हाथियों का दल लखनपुर गांव के बांध के पास पहुंचकर लखनपुर-खोलईया मार्ग में चलते हुए खोलईया के जंगल की ओर गए इस बीच ग्रामीणों द्वारा भगाने का प्रयास करने पर तीन-चार बार हाथियों ने भी ग्रामीणों को तेजी से भागते हुए खदेड़ने का प्रयास किया पूरी रात मानव एवं हाथियों के मध्य युद्ध की स्थिति निर्मित रही है रविवार की सुबह हाथियों का समूह  पहाड़ चढ़कर अकुआ गांव में सुमेर सिंह के खेत के पास डेरा जमाया जिस पर खोलईया एवं अकुआ के ग्रामीणों द्वारा दिन मे खदेड़े जाने पर ताराडांड बीट अंतर्गत ग्राम पचरीपानी गाव के जंगल में पहुंचकर दिन में विश्राम कर रहे है, हाथियों की उपस्थिति पर आम जनों की सुरक्षा को देखते हुए वन विभाग अनूपपुर के वन परीक्षेत्र अधिकारी स्वर्ण गौरव सिंह ,उप वनक्षेत्रपाल अशोक कुमार निगम,परिक्षेत्र सहायक रमेश पटेल,रिचर्ड रेगी राव,संतोष श्रीवास्तव,ग्राम पंचायत दुधमनिया सरपंच भवन सिंह,ग्राम पंचायत लखनपुर सरपंच रामकुमार कोल,वन्यजीव संरक्षक अनूपपुर शशिधर अग्रवाल के साथ वनरक्षकों एवं सुरक्षा सुरक्षाश्रमिकों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर हाथियों को आबादी क्षेत्र से दूर किए जाने का प्रयास किया जिससे हाथियों का समूह बांका,दुधमनिया,केकरपानी लखनपुर,घोगघराटोला,खोलईया एवं अकुआं आदि गांव के बीच आबादी वाले क्षेत्रों में नहीं घुस सके,इस बीच हाथी प्रभावित क्षेत्रों के ऐसे ग्रामीणों जिनके घर कच्चे एवं आबादी से दूर बने हुए रहे हैं के ग्रामीणों को परिवार सहित पक्के मकानों एवं पक्के मकानों की छतों में ठहराया गया।