अनूपपुर : जिले में स्वीप प्लान हुआ फेल मतदान में 10 फीसदी की आई गिरावट

@रिपोर्ट - मो अनीश तिगाला 

इंट्रो-चुनाव आयोग के निर्देशन के बावजूद जिले में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में स्वीप के जिम्मेदार अधिकारी फैल रहे, स्वीप प्लान के तहत मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करने के लिए प्रचार प्रसार में  लाखों खर्च करने के बावजूद  जिले के तीनों विधानसभा सीटों में इस बार पिछले चुनाव की तुलना में लगभग 10 फीसदी मतदान काम हुआ।

अनूपपुर। स्विप के नोडल अधिकारी के द्वारा मीडिया से दूरी, स्वीप के कार्यक्रम का बंद कमरे मे आयोजन, कर फोटो तक सीमित रहने के कारण गत चुनाव की अपेक्षा इस बार के लोकसभा चुनाव 2024 मे 10 प्रतिषत मतदान प्रतिशत कम रहा। जिस जिम्मेदार अधिकारी को जिले का स्वीप का नोडल अधिकारी बनाया गया था वह कलेक्टर के साथ पूरे चुनाव के दौरान घूमते नजर आए, और स्वीप कार्यक्रमों की गतिविधियां कागजो तक  में सीमित रही।

*मिडिया मे प्रचार-प्रसार नहीं*


लोकसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन ने पूरे चुनाव के दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी जिसकी वजह से समाचार पत्रों व मीडिया के विभिन्न माध्यमो मे मतदाता जागरूकता को लेकर कोई भी प्रचार प्रसार नहीं हुआ, जिला प्रशासन व निर्वाचन अधिकारी द्वारा जिले की मीडिया से दूरी बनाए रखना है भी मतदान प्रतिशत में कम होना एक बड़ा कारण माना जा रहा है।
बंद कामरो तक सीमित रहा स्वीप
जिले में स्वीप के कार्यक्रमों की गतिविधियां चाहे स्कूल में हो या कॉलेज में या अन्य कार्यालय में सभी जगह स्वीप के कार्यक्रम सिर्फ बंद कमरों में कागजी खानापूर्ति के लिए होते रहे है, जिसकी पोल 19 अप्रैल को हुए मतदान के दिन खुलकर सामने आ गई, कि स्वीप प्लान की हकीकत जिले मे क्या रही मतदाता जागरूकता के प्रचार प्रसार के लिए लाखों रुपए के छपवाए गए बैनर पोस्टर सिर्फ दीवारों तक सीमित रहे।

*मतदाता पर्ची का नही हुआ वितरण*

निर्वाचन आयोग के स्पष्ट दिषा निर्देष के बावजूद अनूपपुर जिले के कोतमा, पुष्पराजगढ़ और अनूपपुर विधनसभा के बूथ लेवल आफिसरों द्वारा मतदाता पर्ची का घर-घर वितरण करने की जिम्मेदारी बखूबी नही निभाई जिसकी बानगी मतदान केद्रों में 200 मीटर के बाहर राजनीतिक दलों के पंडालों में सरकारी मतदाता पर्ची के प्रत्यक्ष मौजूदगी से पता चलती है बीएलओ द्वारा न तो ईमानदारी से मतदाताओं को मतदाता पर्ची को घरों तक पहुंचाने में गम्भीरता दिखाई और न ही फोटो सेषन कर मीडिया में खबर छापवाने वाले जिम्मेदार अधिकारी इस कार्य की सफलता पूर्वक माॅनिटरिंग ही कर पाए।

*आकडें देते है गवाही*
लोकसभा चुनाव 2024 में जिला प्रषासन के द्वारा लगातार यह कहा जाता रहा कि शत प्रतिषत मतदान के लिए स्वीप प्लान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर जिले में माहौल बनाया जा रहा है पर परिणाम इसके बिल्कुल विपरीत आए 5 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में जिले के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आषीष वशिष्ट, स्वीप प्लान के नोडल अधिकारी तन्मय वषिष्ट शर्मा के नेतृत्व में जिले 79. 31 प्रतिषत मतदताओं ने मतदान किया था वही अगर लोगसभा चुनाव 2019 में हुए मतदान की बात करे तो जिले की 73.69 प्रतिषत मतदाताओं ने अपने मताधिकार काा प्रयोंग किया था लेकिन 2024 में हुए मतदान में जिले के 63. 23 प्रतिषत मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोंग किया यह आंकड़े यह बताते है कि लोकसभा चुनाव 2024 में स्वीप प्लान के नोडल अधिकारी तन्मय वषिष्ट शर्मा पूरी तरह फेल रहे। क्योकि 5 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में जिले के आदिवासी बहूल्य पुष्पराजगढ़ विधानसभा के मतदाताओं के मतदाताओं ने 80.16 प्रतिषत मतदान किया था वही 2024 के लोकसभा चुनाव में मात्र 64.90 प्रतिषत मतदाताओं ने ही मतदान में भाग लिया। अर्थात 15 प्रतिषत कम मतदाताओं ने मतदान में भाग लिया। वही अनूपपुर विधानसभा में विधानसभा चुनाव 2023 में 74.05 प्रतिषत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था वही लोकसभा चुनाव 2024 में लगभाग 12 प्रतिषत कम 62.31 प्रतिषत मतदाताओ ने ही अपने मताधिकार का प्रयोंग किया। जबकि शहडोल लोकसभा क्षेत्र में सबसे कम मतदाताओं वाले विधानसभा कोतमा के 78.32 प्रतिषत मतदाताओ ने विधानसभा चुनाव 2023 में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था यहां पर भी लोकसभा चुनाव 2024 में लगभग 16 प्रतिषत कम मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव आयोग में आंकडो के अनुसार विधानसभा कोतमा में लोकसभा चुनाव 2024 में हुए मतदान में 62.50 प्रतिषत मतदाताओं ने ही भाग लिया।