अवैध खनन चल रहा है तो चलने दो शिकायत करके परेशान मत हो और परेशान न करों- ईशा वर्मा
मझौली गांव में रेत माफियाओं के साथ लग रहा अराजक तत्वो का जमावड़ा
इन्ट्रो-वर्तमान में जिले के बिजुरी थाना अंतर्गत मझौली गांव में रेत का अवैध खनन चर्चा का विषय बना हुआ है जहां अवैध खनन को बंद करने के लिए अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रही सरपंच चंद्रा पनिका कलेक्टर कमिश्नर सबके दरवाजे पर पहुंच कर शिकायत पत्र दे रही है तो दूसरी ओर जांच में पहुंचकर खनिज विभाग गांव वासियों से कह रहा है कि शिकायत करके परेशान मत हो जैसा चल रहा है चलने दो रेत का ठेका हो गया तो अवैध खनन अपने आप बंद हो जाएगा। माइनिंग इंस्पेक्टर कोतमा ईशा वर्मा का यह कथन इस समय जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

(राम भैय्या)
अनूपपुर।
बिजुरी थाना अंतर्गत छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित मझौली गांव में रेत माफिया का अवैध खनन करना अब धीरे-धीरे विवाद की स्थिति की ओर बढ़ता जा रहा है। इस गांव की सरपंच चंदा पनिका ने शहडोल संभाग के कमिश्नर से लेकर अनूपपुर कलेक्टर खनिज विभाग थाना प्रभारी बिजली को लिखित शिकायत देकर अवैध खनन को बंद करने की गुहार लगा रही है वहीं अवैध खनन की शिकायत पर जांच में पहुंची खनिज विभाग की टीम गांव वालों को समझाइए दे रही है कि अवैध खनन के चक्कर में काहे परेशान हो रहे हो जैसा चल रहा है चलने दो जिले के नए रेत का टेंडर हो चुका है जैसे ही नया ठेकेदार आएगा अवैध खनन अपने आप बंद हो जाएगा। फिलहाल खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के मुंह से ऐसी बात सुनकर गांव वालों को जहां आश्चर्य हो रहा है वही गांव वाले अब सीधे-सीधे खनिज विभाग पर आरोप लगाने लगे हैं कि नाप जोख और स्थलीय निरीक्षण के बाद जब अवैध खनन की पुष्टि हो गई है तो लिखित शिकायत के आधार पर खनन विभाग कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है फिलहाल यह सवाल सीधे-सीधे खनिज विभाग से जुड़ा है जिस जिले का सबसे भ्रष्ट विभाग कहा जाता है।
रेत माफियाओं के साथ अपराधियों का जमावड़ा गांव वाले परेशान
बिजुरी थाना क्षेत्र के मझौली गांव के लोगों का कहना है कि रात 9ः00 बजे के बाद छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे हुए केवई नदी के किनारे रेत के घाटों पर रेत माफियाओं के साथ-साथ अपराधी किस्म के लोगों का जमावड़ा लगा रहता है और इनकी संख्या 10 20 नहीं 60 से 70 होती है और यह लोग रेत के घाट से लेकर और छत्तीसगढ़ के सीमा में पुल के उस पर तक अपनी-अपनी गाड़ियों को लगाकर सड़क के किनारे खड़े रहते हैं और जैसे ही पुलिस या खनिज विभाग की टीम इस गांव की तरफ आने लगती है आगे आकर रेत के अवैध खनन को बंद कर देते हैं यही कारण है कि माइनिंग विभाग और पुलिस ने अब तक उक्त अवैध खनन हो रहे स्थल से रेत के खनन करते एक भी वाहन को अभी तक पकड़ने में नाकाम रही है। गांव वालों का आरोप है कि माफियाओं के साथ अपराधियों के जमावड़े के कारण गांव में शांति पर खतरा मडरा रहा है और दर्जनों शिकायत करने के बावजूद पुलिस या खनिज विभाग यहां के रेत माफियाओं पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं कर रही है। इसके पीछे का कारण चाहे जो भी हो लेकिन गांव वालों का स्पष्ट आरोप है कि एक रात में 250 से 300 ट्रैक्टर ट्राली का अवैध खनन बड़े स्तर पर हो रहा है यह पुलिस प्रशासन की मोहन सहमति से ही हो सकता है इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
अवैध खनन की पुष्टि पर कार्यवाही कब


माइनिंग इंस्पेक्टर कोतमा ईशा वर्मा ने एक हिंदी दैनिक अखबार से बातचीत करते हुए इस बात को स्वीकार किया है कि मझौली गांव का रेत घाट मध्य प्रदेश की सीमा के अंतर्गत है और इस क्षेत्र का प्रथम निरीक्षण करने के बाद यह कहां जा सकता है कि यहां पर रेत का अवैध खनन हो रहा है। सच भी यही है कि इस गांव का निरीक्षण या इस घाट पर पहुंचकर यहां के रेतो में बने ट्रैक्टर तालिया के निशान नदी में जेसीबी की मौजूदगी का प्रमाण अपने आप इस बात की गवाही दे रहा है कि यहां पर अवैध खनन हो रहा है। यही नहीं इस गांव के सरपंच चंद्रा पनिका ने अवैध खनन को लेकर बिजुरी थाना प्रभारी से लेकर कलेक्टर कार्यालय खनिज विभाग और शहडोल संभाग के कमिश्नर तक से मिल चुकी है और कमिश्नर शहडोल संभाग में सरपंच चंद्रा पनिका के सामने एसपी अनूपपुर को फोन लगा कर कार्यवाही करने को कहा लेकिन इसके बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही न होना यह सवाल खड़ा कर रहा है की जब अखबार से बातचीत में ईशा वर्मा अवैध खनन को स्वीकार कर रही है तो अवैध खनन करने वालों पर कार्यवाही करने की जगह शिकायत करने वालों को समझाइए क्यों दे रही हैं फिलहाल इसका जवाब किसी के पास देखना यह है कि इस गांव के पांच संभ्रांत नागरिकों द्वारा की गई सीएम हेल्पलाइन की शिकायत के बाद भी यहां का अवैध खनन बंद होता है या यहां के अधिकारी जैसा चल रहा है चलने दो का राग अलापते रहेंगे।