*मध्यप्रदेश का रेत छत्तीसगढ़ की टीपी खनिज विभाग की मनमानी करोड़ों का खेल सारे नियम कानून फेल*
*कोतमा के छतई, मझौली में खनन माफिया लग रहे सरकार को चुना*
*इंट्रो- कोतमा और बिजुरी थाना अंतर्गत इस समय रेत माफियाओं ने मध्य प्रदेश सरकार को चूना लगाने के लिए एक नया फार्मूला  अपनाया है  जिसमें अनूपपुर जिले के सीमा के अंतर्गत छतई और मझौली गांव से रेत निकाल कर छत्तीसगढ़ की सीमा में ले जाकर छत्तीसगढ़ की टीपी पर कोतमा और बिजुरी क्षेत्र में बेचा जा रहा है सूत्रों की माने तो रेत माफियाओं के इस नए खेल के कारण मध्य प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लग चुका है इसके बावजूद पुलिस और खनिज विभाग अपनी झोली भरने के चक्कर में मुक दर्शक बना हुआ है।*
(*क्राइम रिपोर्टर*)
*अनूपपुर*। खनिज और रेत माफियाओं के आगे नतमस्तक जिले का पुलिस प्रशासन और खनिज विभाग के कारण सरकार को लाखों रुपए रोजाना राजस्व का घाटा उठाना पड़ रहा है। जिले के सोन नदी तिपान और केवई नदी में अवैध रेत खनन का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अपने अवैध खनन को कानूनी जामा पहनाने के लिए अब रेत माफियाओं ने एक नया तरीका खोज लिया है जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य की टीपी लगाकर अपने अवैध खनन को वैध तरीके से कोतमा और बिजुरी क्षेत्र में बेचा जा रहा है। सूत्रों की माने तो इस अवैध कारोबार को संरक्षण देने वाले सत्ता पक्ष के नेताओं के कारण अवैध कारोबार में लिप्त खनन माफियाओं ने अब दिनदहाड़े मध्य प्रदेश की सीमा के अंतर्गत अवैध खनन करके रेत को पहले छत्तीसगढ़ की सीमा में ले जाते हैं उसके बाद वहां से छत्तीसगढ़ की टीपी काट के मध्य प्रदेश के सीमा में बेच रहे हैं सूत्रों का दावा है कि इस गोरख धंधे के पीछे जिले के खनिज माफिया से साठं गाठं कर बुंदेलखंड से आए कुछ विशेष खनिज माफिया अपने कारोबार को गति प्रदान करने में लगे हुए हैं।
*जन संवाद से जिला पंचायत तक उठ चुका मुद्दा*
मध्य प्रदेश की सीमा के अंतर्गत स्थित नदी के किनारो से अवैध रेत खनन करके छत्तीसगढ़ की सीमा में ले जाकर फिर वहां की टीपी के सहारे चल रहे इस काले धंधे के विरुद्ध छतई, मझौली के सरपंचों ने पुलिस प्रशासन और खनिज विभाग को तो लिखित शिकायत की ही है इसके अलावा रविवार को आयोजित जन संवाद केंद्र में बिजुरी और कोतमा में यह मुद्दा जोर शोर से उठाया गया था कोतमा में तो एडीजीपी डीसी सागर के सामने कोतमा के अधिवक्ता संघ अध्यक्ष राजेश सोनी ने छत्तीसगढ़ के तप के सहारे चल रहे इस गोरख धंधे पर पुलिस के कार्यवाही की मांग की थी यही नहीं जिला पंचायत की बैठक में भी उक्त  गोरख धंधे के खिलाफ प्रशासन को कार्यवाही के लिए कहा गया था लेकिन सच यही है कि इस गोरख धंधे में सभी का हिस्सा है यही कारण है कि सभी इस गोरख धंधे के प्रति चुप्पी बनाए हुए हैं।
*एक टीपी पर 10 चक्कर इस काले धंधे का सबसे बड़ा सच*
इस गोरख धंधे के पीछे की कहानी इस तरह की है कि इसको जानने सुनने के बाद कहा जा सकता है कि जब पैसा मेहरबान तो गधा भी पहलवान है। छत्तीसगढ़ की टीपी के सहारे मध्य प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लगा चुके बाहर से आए खनिज माफियाओं ने कोतमा बिजुरी क्षेत्र के खनन माफियाओं को दिन भर में एक टीपी काट के देते हैं और उसे टीवी में दूरी ज्यादा होने के कारण टीपी का समय भी ज्यादा लिखा होता है सूत्रों की माने तो इसी का फायदा उठाते हुए कोतमा और बिजुरी क्षेत्र के खनन माफिया एक टीपी से 10 चक्कर लगा रहे हैं और इन सबसे खनिज विभाग भी अनजान नहीं है लेकिन कहावत वही है दूध देने वाली गाय की लात भी सहनी पड़ती है कुछ ऐसा ही खनिज विभाग के लिए भी कहा जा सकता है क्योंकि इस गोरख धंधे में शामिल खनिज माफियाओं ने पुलिस प्रशासन और खनिज विभाग को रोजाना मोटा चढ़ावा चढ़ा रहे हैं। जिसके कारण इनके ऊपर खनिज विभाग का सारा नियम कानून फेल हो गया है।
*पसला भंडारण से भी चल रहा है यही गोरख धंधा*
वहीं सूत्रों की माने तो वर्तमान में रेत खनन का जिले में कोई वैध ठेका न होने के कारण जिले में अवैध रेत खनन का कारोबार अपनी चरम सीमा पर है वही पसला में पूर्व में किए गए रेत के भंडारण में भी लगभग यही कहानी दोहराई जा रही है। पसला के रेत भंडारण कंपनी महाकाल द्वारा के जी डेवलपर्स का बोर्ड लगाकर इस गोरख धंधे को अंजाम दिया जा रहा है यहां पर भी टीपी बेची जा रही है और उसे टीवी में दूर का स्थान दिखाकर इतना समय लिख दिया जा रहा है कि उसकी आड़ में खनन माफिया अवैध खनन करके जिले में रेत को बेच रहे हैं सूत्रों की माने तो इन सब गोरख धंधों के पीछे खनिज विभाग जिम्मेदार है लेकिन लाख शिकायत करने के बावजूद इस विभाग के अधिकारियों पर असर पड़ता नहीं दिखाई पड़ रहा है।