एनएसयूआई ने आदिम जाति विश्वविद्यालीन बालक छात्रावास में अव्यवस्थाओं के संबंध में कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन 


एनएसयूआई प्रदेश सचिव सचिन पटेल ने कहा कि आदिम जाति महाविद्यालीन बालक छात्रावास के अधीक्षक छात्रावास में कभी भी उपस्थित नहीं रहते हैं साथ ही वह 15 से 20 दिन में एक बार आते हैं और नशे की हालत में छात्रावास में आते हैंऔर छात्रावास में किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी अधीक्षक महोदय को दिखाई नहीं देता है उनके द्वारा ऐसा लगता है कि उनको छात्रावास के छात्रों से कोई लेना-देना ही नहीं है जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी या घटना की ओर अंकित हो रहा है और अधीक्षक के छात्रावास में नहीं रहने के कारण छात्रावास में अवस्थाओं का अभाव लगा है जिसमें वहां रहने वाले छात्र-छात्राओं कई सारी समस्याओं को सामना करना पड़ता है जिसमें साफ सफाई पानी बाथरूम आदि कई सारी समस्याएं का सामना करना पड़ता हैं और छात्रावास में रहने के लिए साथ ही महाविद्यालय में पढ़ने के लिए छात्रों को उनके माता-पिता प्रशासन के भरोसे पर घर से दूर भविष्य को बनाने के लिए भेजते हैं लेकिन छात्रावास के अधीक्षक की लापरवाही के कारण कुछ भी घटित घटना होती हैं उसके जिम्मेदार जिला प्रशासन की होगी और कि छात्रावास में ना तो लाइट की व्यवस्था है ना पानी की व्यवस्था है ना खाने की कोई मेनू है वह जो खिलाते हैं वह खाते हैं एक दिन एक बार सब्जी खरीद कर रख जाते हैं और वह 15 दिन तक उसे सब्जी का उपयोग करते हैं और रोज एक ही सब्जी का उपयोग करते हैं यहां की लड़कों की तबीयत भी खराब हो चुकी है और उनको कोई देखने के लिए नहीं आता है यह सब जवाबदारी अधीक्षक की है सतीश महोबेया, राहुल वर्मा, राहुल पटेल, सागर सिंह, रामकरण सिंह, राम सिंह, दिनेश, अजीत, रामपाल कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित रहे।