एक छोटा सा दीपक अग्नि को आलिंगन कर दूसरों को देता है प्रकाश..... प्रमोद वार्चे ,

अनूपपुर- 51 कुंण्डीय राष्ट्र जागरण विराट गायत्री महायज्ञ के तृतीय दिवस संध्या बेला में 
 आयोजित कार्यक्रम में गुरुदेव के विचारों से अवगत कराते हुए उपाचार्य    प्रमोद वार्चे , ने कहा कि मिट्टी को जीवन का आदर्श बनाने का प्रयास किया गया है। एक छोटा सा मिट्टी का दीपक घड़े के ऊपर सजा कर रखा जाता है। दीपक में चिंता रूपी बाती रखी जाती है, जिसमें घी भरा जाता है, वह दीपक अग्नि को आलिंगन करने के बाद प्रज्वलित होता है, तो ज्ञानरूपी प्रकाश का निकलता है। स्वयं जलकर, तिल तिल जल कर यह दीपक दूसरों को आनंदित करता है। दीपक जहां भी जलता है। वहां प्रकाश ही होता है। दीपक जहां भी जलेगा, वहां अंधकार नहीं रह सकता है। दीपक हम सब के लिए वंदनीय है। उन्होंने गुरुदेव के विचारों को सबके सामने रखते हुए कहा कि एक छोटा सा दीपक मनुष्य के लिए आदर्श बन सकता है। 
दीप उत्सव कार्यक्रम प्रेरणा स्रोत
 उपाचार्य   प्रमोद वार्चे ने बताया कि गुरुदेव ने दीप शिखा, दीप महायज्ञ का शुभारंभ किया। गायत्री परिवार द्वारा शुरू किया गया दीप उत्सव कार्यक्रम एक प्रेरणा स्रोत है। क्या मनुष्य दीपक की तरह अपना आचरण नहीं कर सकता है। मनुष्य यदि दीपक से प्रेरणा लेता है तो उसका जीवन सार्थक हो जाता है। इस मौके पर दीप यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में दीपक जलाए गए जिसमें नगर के सभी वर्गों की महिलाओं ने भाग लिया जो अपने-अपने घरों से 5 ,11,21,दीपक बनाकर लाई थी । और यज्ञशाला में दीप यज्ञ मैं सहभागिता दी।