खुली खदान में खुलेआम हो रही कोयल की हेरा फेरी आर ओ एम की जगह दिया जा रहा है स्टीम कोयला कंपनी को हो रहा दोहरा नुकसान

कंपनी को ही रहा दोहरा नुकसान

राजनगर- एसईसीएल हसदेव क्षेत्र की राजनगर खुली खदान परियोजना में इस समय खुले रूप से कोयले की हेरा फेरी कर कंपनी को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है। जहां पर डी ओ होल्डरों को आर ओ एम कोयले की जगह स्टीम कोमला प्रदान किया जा रहा है जिसके बदले में कालरी के अधिकारियों द्वारा लंबी रकम वसूली जाती है और यह रकम लाखों में नहीं बल्कि करोड़ी में मानी जा रही है। वहीं इस हेरा फेरी के संबंध में कालरि के अधिकारी भले ही इंकार करें किंतु कोल डिपी परिसरमै अवैध रूप से कोयला छटनी में लगे 25 से 30 की संख्या में मजदूर कॉमले की हेरा फेरी की दास्तान खुद बयां कर देंगे। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार हसदेव क्षेत्र के राजनगर खुली खदान परियोजना में उत्पादित कोमले को रोड सेल के माध्यम से बिकी किया जाता है जहां पर कंपनी द्वारा डी ओ होल्डरों को आर ओ एम कोयले की दर पर कोयला का टैंडर दिया जाता है। किंतु स्थानीय स्तर पर डी ओ होल्डरों द्वारा अधिकारियों से मिली भगत कर आर ओ एम कोयले की जगह पर स्टीम कोयला लिया जाता है जिसे ट्रक में भरकर भिजवाया जाता है जिसके लिए बकायादे मजदूर लगाया गया है जो कोयले को छा ट कर ट्रक में भरा जाता है जबकि नियम यह है कि जिस रूप में खदान से कोमल आएगा उसी रूप में कोयला प्रदान किया जाएगा किंतु यहां पर ऐसा नहीं किया जाता और डी ओ होल्डरी आर ओ एम की जगह स्टीम कोमला प्रदान किया जाता है इससे कंपनी को प्रति टन 2022-23 2500 लेकर 3000 का नुकसान होता है और यह राशि महीने में 6 से 8 करोड़ हो जाती है जिसका बंदर बाद स्थानीय अधिकारियाँ द्वारा कर लिया जाता है जिस पर उच्च प्रबंधन को ध्यान देना होगा नहीं तो आने वाले समय में कंपनी को कई करोड़ का नुकसान हो सकता है क्योंकि स्थानीय स्तर पर किए जा रहा है कोयला के हेरा फेरी से कंपनी को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है इस संबंध में राजनगर खुली खदान पारी योजना के उप क्षेत्रीय प्रबंधक पुष्पराज प्रिया ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है जिस कोयला का टैंडर हुआ है वही कोयला डी ओ होल्डर को प्रदान किया जाता है। वही एरिया सेल्स मैनेजर प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि पहले क्या होता था नहीं मालूम लेकिन वर्तमान में ऐसा कुछ भी नहीं होने दिया जाएगा और आप बता रहे हैं तो हम तत्काल जाकर पूरे मामले की जांच करवाते हैं वहीं इस संबंध मेएसईसीएल के मुख्य सतर्कता अधिकारी का फोन बंद होने से उनका पक्ष नहीं रखा जा सका