सीबीआई के रेड से पहले फर्जी नर्सिंग होम के संचालक स्कूल खोजने में जुटे,काउंसिल के डॉ प्रमोद कुशवाहा से लेकर तत्कालीन तहसीलदार भागीरथी लहरे की जाँच कटघरे में 

अनूपपुर - सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक फर्जी तरीके से जिले में संचालित नर्सिंग कॉलेज की जाँच के लिए आज शाम तक सीबीआई की टीम अनूपपुर पहुंचकर आने वाले पांच दिनों तक इन नर्सिग कॉलेजों की जाँच करेगी पर इससे पहले की सीबीआई जाँच करे RKEXPOSE ऐसा खुलासा कर रहा है जिससे नर्सिग कॉलेजों के संचालको की नींद उड़ना लाजमी है 

सबसे पहले बात करते है जिले के रेल्वे फाटक के आगे कागजों में संचालित कैरियर नर्सिग कॉलेज की जो महज कागजों में संचालित है पर इस कॉलेज की जो जाँच रिपोर्ट 2022 -23 में जारी की गई होश उड़ाने वाली है सबसे पहले तो यह जान लीजिये इसका संचालन ग्वालियर के कुछ ठग आदिवासी अंचल को अपना शिकार बना रहे है नर्सिंग  कॉलेज के नाम पर काउंसिल की जाँच रिपोर्ट में जो पता लिखा है वह आदिवासी विद्या शिक्षा परिसर एवं समाज कल्याण समिति ग्वालियर है मिली जानकारी के मुताबिक कैरियर नर्सिंग कॉलेज की जिम्मेदारी अनूपपुर में किसी दीपक सोनी को दी गई है और एक नर्सिंग कॉलेज के संचालन के लिए लगभग 24 हजार स्क्वायर फिट का कंस्ट्रक्शन एरिया चाहिए होता है जिसमे लगभग हजार हजार फिट के सात लैब चाहिये एवं क्लास रूम हजार हजार  स्क्वायर फिट के होने चाहिए बांकी अन्य कार्यों के लिए कुल मिला कर 24 हजार स्क्वायर फिट  का कंस्ट्रक्शन होना जरुरी है पर कागजों में संचालित कैरियर नर्सिंग कॉलेज के इंफेक्शन के दौरान काउंसिल के जिम्मेदारों ने बिना देखे जाने ही इस विनास कारी नर्सिंग कॉलेज में सब कुछ उपलब्ध होने का प्रमाण पत्र सौंप दिया जबकि जाँच के दौरान किसी दूसरे स्कूल की बिल्डिंग को दिखाया गया था और जो दस्तावेज लगाए गए जमींन के वो खसरा नंबर 564/3/4 अमरदीप सिंह पिता भईया बहादुर सिंह जो किसी यूथ कॉलेज के संचालक है उनके मकान में कैरियर नर्सिग कॉलेज के संचालन की बात लिखी गई है जबकि उक्त कॉलेज धरातल पर संचालित ही नहीं है इस जाँच टीम का हिस्सा रहे तत्कालीन तहसीलदार भागीरथी लहरे ने भी अपनी मौन स्वीकृति दे दी जबकि सूत्रों की माने तो रीवा से इस जाँच टीम में आये काउंसिल के सदस्य डॉ प्रमोद कुशवाहा ने बतौर मोटी रकम ले कर इन फर्जी नर्सिग कॉलेजों को स्वीकृति देने में अहम योगदान दिया जबकि यूथ कॉलेज के खसरा नक्शा लगा कर किसी दूसरे स्कूल की बिल्डिंग दिखाई गई और अब एक बार फिर सीबीआई आज शाम तक पहुँचने जा रही है तो उसके साथ भी सेटलमेंट करने के लिए कैरियर कॉलेज के संचालकों के द्वारा जाँच में दिखाने के लिए किसी स्कूल की बिल्डिंग फिर तलाशी जा रही है 

और कल के एपिसोड में हम आपको बताएँगे की इस पूरे खेल में संजीवनी हॉस्पिटल से लेकर नर्मदा नर्सिंग कॉलेज कोतमा,मॉडर्न नर्सिंग कॉलेज पुष्पराजगढ़,साईं नर्सिंग कॉलेज बस्ती रोड अनूपपुर ये सभी उन नॉम्स को पूरा नहीं करते जो एक नर्सिंग कॉलेज में होना चाहिए और कैसे दूसरी दूसरी बिल्डिंगों को दिखा कर मामले को सेटल किया गया हालंकि इस पूरे खेल में जितने दोषी संचालक है उतने दोषी जाँच में आये काउंसिल के सदस्य डॉ प्रमोद कुशवाहा और तत्कालीन तहसीलदार भागीरथी लहरे कैरियर नर्सिंग कॉलेज तो महज कागजों में संचालित हो रहा है और इन सभी फर्जी तरीके से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेजों का मास्टर माइंड ग्वालियर से अनूपपुर आदिवासी क्षेत्र को लूट का गढ़ बनाने पहुंचे प्रतीक पाटीदार है सबसे चौंकाने वाली बात यह है की कैरियर नर्सिंग कॉलेज नियर रेलवे फाटक के इंफेक्शन वाले दस्तावेजों में मोहित तोमर संचालक मॉर्डन नर्सिंग कॉलेज पुष्पराजगढ़ के है उनके मोबाईल नंबर कैरियर नर्सिंग कॉलेज के दस्तवेजों में है कुल मिला कर जिले में संचालित चार नर्सिंग कॉलेज जिसमे नर्मदा नर्सिंग कॉलेज कोतमा,मॉर्डन नर्सिंग कॉलेज पुष्पराजगढ़ ,कैरियर नर्सिंग कॉलेज अनूपपुर ,साईं नर्सिंग कॉलेज बस्ती रोड अनूपपुर सभी फर्जी दस्तावेजों और फर्जी बिल्डिंग दिखा कर काउन्सिल से अनुमति ले कर संचालन शुरू किया अब देखना है की सीबीआई इस पूरे खेल में क्या योगदान देती है 

इस पूरे मामले में हमने दिये गए खसरा नंबर के मालिक अमरदीप से बात की तो उनको भी पता नहीं है की आखिर उनके दस्तावेजों का स्तेमाल कैरियर नर्सिंग कॉलेज की बिल्डिंग में कैसे और किसने किया है